वेलिंगटन, एजेंसी। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भारत के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते की तारीफ की है और इसे अपनी सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि और भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। हालांकि उनकी ही सरकार के विदेश मंत्री ने इस व्यापार समझौते पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
लक्सन ने व्यापार समझौते की तारीफ की
लक्सन ने कहा, हमने अपने पहले कार्यकाल में भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने का वादा किया था और हमने उसे पूरा किया। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों वाला बाजार उपलब्ध होने से ज्यादा नौकरियां, अच्छी कमाई और बेहतर निर्यात की राह खुलेगी। यह उनकी सरकार के व्यापक एजेंडे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बुनियादी चीजों को ठीक करना और भविष्य का निर्माण करना है।
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री ने समझौते की आलोचना की
हालांकि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर न्यूजीलैंड की सरकार के बीच ही मतभेद हैं। विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने इस समझौते की आलोचना की और इसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे। पीटर्स ने कहा था कि न्यूजीलैंड ने पर्याप्त लाभ लिए बिना बहुत कुछ दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यूजीलैंड सरकार ने जल्दबाजी में इस समझौते पर सहमति दी है। इस समझौते के तहत अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो सकता है। समझौते के तहत भारत में अगले 15 वर्षों में 20 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है।
भारत को मिल सकता है फायदा
हाल ही में भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) ने भारतीय निर्यातकों के लिए एक नया अवसर खोला है। इस समझौते से भारत के टेक्सटाइल, मरीन प्रोडक्ट्स, इंजीनियरिंग और एमएसएमई सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है। न्यूजीलैंड में टैरिफ कम होने से भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी और भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा। साथ ही, इन क्षेत्रों में रोजगार भी बढ़ेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
न्यूजीलैंड के पीएम ने भारत के साथ व्यापार समझौते को बताया ऐतिहासिक, उनके ही विदेश मंत्री कर चुके आलोचना

