ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश की कमान मोहम्मद यूनुस के हाथ में आने के बाद से ही भारत से उसके रिश्ते खराब होते जा रहे हैं। मोहम्मद यूनुस ने भारत के एहसानों को भूलते हुए पाकिस्तान और चीन से हाथ मिलाया है। लेकिन भारत ने भी कई कदम ऐसे उठाएं हैं जिनके बाद यूनुस को औकात याद आ गई है।
भारत के खिलाफ बांग्लादेश के रुख ने नई दिल्ली को निराश किया है। हाल में पूरे भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ भारत सरकार अभियान चला रहा है। जिसमें अवैध बांग्लादेशियों को ढूंढ-ढूंढ के वापस भेजा जा रहा है। भारत के इस कदम से यूनुस सरकार बौखला गई है और नई दिल्ली से गुहार लगाने लगी है।
धक्केशाही बंद करने का आग्रह
भारत सरकार ने जबसे अवैध बांग्लादेशियों को धक्के मार भारत से भागाना शुरू किया है। तभ से यूनुस सरकार परेशान है। इस कार्रवाई के बाद बांग्लादेश नई दिल्ली को एक राजनयिक नोट भेजा है। जिसमें इस तरीके से बांग्लादेशियों को भेजने का विरोध किया गया है और भारत सरकार से अपील की गई है कि वह ऐसा न करें।
7 और 8 मई को अवैध बांग्लादेशियों को भेजा बांग्लादेश
बांग्लादेश ने 7 और 8 मई को भारत की ओर से अवैध लोगों को सीमा पर छोड़ने के बाद एक राजनयिक नोट भेजा। हालांकि, खबर है कि खगराछारी जिले की सीमा पर 200 से 300 लोग जमा हो गए हैं। इनमें से 78 को 9 मई को BSF की ओर से सुंदरवन के सुदूर मंदारबरिया चार में एक जहाज पर लाद दिया गया था।
भारत के एक्शन के बाद पड़ोसी देश में बैठक
भारत के एक्शन के बाद सोमवार को सचिवालय में गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई, जिसमें बांग्लादेशियों को भागाने का मुद्दा उठाया गया। बैठक में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के महानिदेशक मोहम्मद अशरफज्जमां सिद्दीकी मौजूद रहे।
भारत के इस बड़े एक्शन से अब बांग्लादेश में हड़कंप, दिल्ली के सामने गिड़गिड़ाई यूनुस सरकार
