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10 May 2025, Sat

जजों समेत लोक सेवकों को हनीट्रैप में फंसाने से जुड़ी याचिका दायर, सुप्रीम कोर्ट से CBI या SIT जांच की मांग

नई दिल्ली। कर्नाटक में न्यायाधीशों और लोकसेवकों को हनीट्रैप में फंसाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोपों की सीबीआई या एसआईटी से जांच की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट याचिका को आज या कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत है।
कर्नाटक के मंत्री भी हनीट्रैप में फंसे
चार दिन पहले कर्नाटक सरकार के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने विधानसभा में दावा किया था कि केंद्रीय नेताओं समेत 48 राजनेता हनी ट्रैप में फंस गए हैं। राजन्ना ने कहा था कि ‘कर्नाटक को सीडी और पेन ड्राइव फैक्ट्री कहा जा रहा है। पता चला है कि 48 लोगों की सीडी-पेन ड्राइव उपलब्ध हैं। नेटवर्क पूरे भारत में फैला है। कई केंद्रीय मंत्री भी फंसे हैं।’ अन्य विधायकों ने भी मंत्री राजन्ना के बयान का समर्थन किया था। इसके बाद राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का आश्वासन दिया। मामले में गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा था हमें बस इतना पता है कि हमारी खुफिया एजेंसियों ने सैन्य खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर दीप राज चंद्र नामक व्यक्ति को कुछ जानकारी दी थी। पता चला कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ हाल की घटनाओं और उपकरणों के रहस्यों के बारे में गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था। अब सैन्य खुफिया एजेंसियां इस मामले को आगे ले जाएंगी।
विपक्ष ने की थी जांच की मांग
इसे लेकर विपक्ष ने जांच की मांग की। भाजपा विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि ‘यह किसी एक पार्टी का मुद्दा नहीं है। यह लोगों के लिए काम करने वाले विधायकों के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है। कुछ लोग अपने छिपे हुए एजेंडे के तहत ये सब (हनीट्रैप) कर रहे हैं।’ भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल ने राज्य के गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर से मांग की कि हनीट्रैप मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि इसकी निष्पक्ष जांच हो सके। उन्होंने इसे लेकर गृह मंत्री को पत्र
लिखा है।

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