वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में बेघर लोगों की बढ़ती समस्या पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा कार्यकारी आदेश ने नई बहस छेड़ दी है। ट्रंप ने हाल ही में एक ऐसा आदेश जारी किया है जिसमें बेघर लोगों को सड़कों से हटाकर मानसिक इलाज या नशामुक्ति केंद्रों में भेजे जाने की बात कही गई है। वह भी बिना उनकी सहमति के। इस आदेश का डेमोक्रेटिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीखा विरोध किया है। उनका मानना है कि यह आदेश अमानवीय है और इससे समस्या का हल नहीं निकलेगा। अपने आदेश में ट्रंप ने कहा कि खुलेआम नशाखोरी और सड़कों पर कैंपिंग करने वाले बेघर लोगों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है ताकि आम नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि इन लोगों को लंबे समय तक संस्थागत देखरेख में रखना ही सार्वजनिक व्यवस्था बहाल करने का ‘सबसे साबित तरीका’ है। ट्रंप का ये आदेश उन शहरों के लिए निर्देश है जो सड़कों पर सख्ती बरतने के लिए तत्पर हैं।
कैलिफोर्निया पहले से कर रहा है ऐसे प्रयास
कई विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह आदेश मुख्य रूप से न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलेस और सैन फ्रांसिस्को जैसे शहरों को निशाना बनाता है जहां डेमोक्रेटिक पार्टियों की सरकारें हैं। हालांकि, इन राज्यों में पहले से ही बेघर लोगों को पुनर्वास केंद्रों में भेजने की योजनाएं चल रही हैं। कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने सड़कों से बेघरों को हटाने और नशा व मानसिक इलाज के लिए संसाधन जुटाने में वर्षों लगाए हैं।
ये आदेश अस्पष्ट और दंडात्मक- विपक्ष
बेघरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने ट्रंप के आदेश को ‘अस्पष्ट और सजा देने वाला’ बताया है। नेशनल अलायंस टू एंड होमलेसनेस के अधिकारी स्टीव बर्ग ने कहा कि अमेरिका ने दशकों पहले जबरन संस्थागत इलाज की नीति को छोड़ दिया था क्योंकि यह खर्चीली, नैतिक और कानूनी रूप से गलत थी। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे आदेश से बेघर लोगों को जबरन बंदी बनाया जा सकता है।
स्थानीय सरकारों की अलग रणनीति
लॉस एंजिलिस की मेयर करेन बैस ने साफ किया कि वे सड़कों पर बेघरों को जबरन हटाने की बजाय उनके साथ संवाद कर आश्रय में भेजने की नीति पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को एक गली से दूसरी गली या जेल भेजना और फिर वापस छोड़ देना, समस्या का हल नहीं है। वहीं, सैन फ्रांसिस्को के मेयर डेनियल लुरी ने भी सार्वजनिक स्थानों पर सफाई और व्यवस्था को बनाए रखने के पक्ष में सख्त कदम उठाए हैं।
सियासी जंग की शक्ल लेता मामला
गवर्नर न्यूसम के दफ्तर ने कहा कि ट्रंप का आदेश बेघर लोगों के बारे में गलत धारणाओं को बढ़ावा देता है और केवल राजनीतिक स्कोर सेटल करने के लिए लाया गया है। ट्रंप के आदेश के पीछे कुछ दक्षिणपंथी नीति समूह जैसे सिसेरो इंस्टीट्यूट ने समर्थन जताया है और कहा है कि इससे स्थानीय सरकारों को सख्त कदम उठाने की ताकत मिलेगी। इस पूरे विवाद से साफ है कि ट्रंप का कार्यकारी आदेश अमेरिका में बेघर लोगों की समस्या का समाधान नहीं, बल्कि एक नई सियासी खाई बनता जा रहा है। जहां एक पक्ष इसे ‘सख्ती से मदद’ का तरीका मानता है।
वहीं दूसरा पक्ष इसे मानवाधिकारों पर हमला बता रहा है। फिलहाल, इसका असर अमेरिकी समाज और चुनावी राजनीति पर भी गहराता नजर आ रहा है।
बेघर लोगों पर नए आदेश को लेकर अमेरिका में सियासी टकराव, ट्रंप के फैसले पर डेमोक्रेट्स ने जताई कड़ी आपत्ति
