नई दिल्ली, एजेंसी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और फिर पाकिस्तान के हमले के जवाब में की गई सफल कार्रवाई के बाद एक ओर जहां बीजेपी देशभर में तिरंगा यात्रा निकाल रही है तो कांग्रेस भी अब सशस्त्र बलों के सम्मान में बड़े स्तर पर कार्यक्रम करने जा रही है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि पार्टी अगले हफ्ते से 15 राज्यों में 10 दिनों तक ‘जय हिंद सभा’ का आयोजन करेगी। ‘जय हिंद सभा’ के जरिए कांग्रेस देशभर में राष्ट्रीय सुरक्षा से निपटने के सरकार के तरीके और भारत तथा पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने में अमेरिका की “चिंताजनक भागीदारी” पर सरकार की “चुप्पी” पर सवाल भी उठाएगी। कांग्रेस कार्य समिति की कल बुधवार को हुई बैठक में इन सभाओं के आयोजन को लेकर फैसला लिया गया।
सरकार की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाएंगेः कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव प्रभारी संगठन केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने पोस्ट में बताया कि इन बैठकों में सेना के दिग्गजों, पार्टी नेताओं और आम लोगों की भागीदारी होगी। वेणुगोपाल ने कहा, “कांग्रेस हमारे सशस्त्र बलों की सर्वोच्च वीरता और सफलता को सलाम करने के लिए पूरे देशभर में ‘जय हिंद सभा’ का आयोजन करेगी। साथ ही हमें सुरक्षा में चूक, राष्ट्रीय सुरक्षा से निपटने के सरकार के तरीकों और हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में अमेरिका की चिंताजनक भागीदारी को लेक उसकी चुप्पी पर भी गंभीर सवाल उठाने चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “अगले हफ्ते 20 मई से 30 मई तक पार्टी राजधानी दिल्ली के अलावा बाड़मेर, शिमला, हल्द्वानी, पटना, जबलपुर, पुणे, गोवा, बेंगलुरु, कोच्चि, गुवाहाटी, कोलकाता, हैदराबाद, भुवनेश्वर और पठानकोट में जय हिंद सभाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें सेना के दिग्गज, पार्टी नेता और आम जनता शामिल होगी।” बैठकों की समयसीमा की घोषणा कांग्रेस की ओर से देशभर में रैलियों को आयोजित करने की घोषणा के एक दिन बाद की गई है। कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का “राजनीतिकरण” करने का आरोप लगाया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की “चुप्पी” पर सवाल उठाने के लिए देशभर में रैलियां निकालेगी।
अब तक कोई जवाबदेही भी तय नहींः CWC
बैठक में सीडब्ल्यूसी की ओर से उस प्रस्ताव पारित को किया गया, जिसमें कहा गया कि पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला “साफतौर पर खुफिया नाकामी” के बारे में “गंभीर रूप से परेशान करने वाले” सवाल खड़े करता है। प्रस्ताव में कहा गया, “क्षेत्र में बढ़ते तनाव और लगातार खतरों के बावजूद, आतंकवादी एक बड़े हमले को अंजाम देने में कामयाब हो गए, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। जबकि सरकार की ओर से हम इस मसले पर आधिकारिक आकलन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि अभी तक कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है।” समिति का कहना है कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अभी भी फरार हैं। सीडब्ल्यूसी उनकी तत्काल गिरफ्तारी और उन पर केस चलाने की मांग करती है। साथ ही यह कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि इस तरह की चूक कैसे होने दी गई और स्पष्ट चेतावनियों के बावजूद आवश्यक निवारक उपाय क्यों नहीं किए गए।