ताइवान, एजेंसी। चीन और जापान में ताइवान को लेकर लगातार चिंता बढ़ती रही है। जापान ताइवान के पक्ष में डटकर खड़ा है। जापान ने ताइवान की मदद के लिए सैन्य सहायता की शुरुआत की थी। ताइवान को जापान के समर्थन से चीन बौखलाया गया है। उधर, जी-7 स्टेट ने भी ताइवान को लेकर चीन को चेतावनी दी है। इससे पहले चीन के एक राजनयिक जापानी प्रधानमंत्री का गला काटने की धमकी दे चुके हैं। अब चीन ने जापान को सीधी चेतावनी दी है।
चीन ने कहा है कि जापान को हमारा संदेश स्पष्ट है। जापान को अपने युद्ध अपराधों के लिए पूरी तरह पश्चाताप करना चाहिए। चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने वाले अपने गलत और उत्तेजक बयानों और कदमों को तुरंत बंद करना चाहिए। इसके साथ ही ताइवान मामले पर आग से खेलना बंद करना चाहिए। जो लोग आग से खेलते हैं वो इस आग से नष्ट हो जाएंगे।
जापान के पीएम ने ताइवान पर क्या कहा?
जापानी प्रधानमंत्री सनाई तकाइची ने संसद में कहा है कि ताइवान के संबंध में हालात गंभीर है। हमें सबसे खराब हालात की आशंका को ध्यान में रखना चाहिए। इस दौरान उन्होंने जापान के पास स्थित ताइवान के आसपास रक्षा अभ्यास के समय युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात करने समेत चीन की ओर से की गई आक्रामक कार्रवाइयों का जिक्र किया।
कैसे चीन-जापान के विवाद ने लिया जन्म?
ताइवान पर जापान और चीन के बीच राजनयिक विवाद तब छिड़ा जब जापान की पीएम ने कहा, अगर ताइवान पर चीन हमला करता है तो ये जापान के लिए ‘अस्तित्व को खतरे में डालने वाली स्थिति’ होगी। ऐसे में आत्मरक्षा के लिए जापान को सैन्य बल का प्रयोग करना पड़ सकता है। बस यही बयान चीन को नागवार गुजरा। इसके बाद चीन ने अपने मामलों में दखल करार देते हुए आपत्ति दर्ज कराई।
ताइवान मामले पर आग से खेलना बंद करें, वरना इस आग से नष्ट हो जाएंगे… चीन की जापान को चेतावनी

