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2 Aug 2025, Sat

अमेरिका से रणनीतिक संबंधों पर भी पड़ेगा असर, चीन-रूस के करीब जा सकता है भारत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और 1 अगस्त 2025 से जुर्माना वसूली की घोषणा की है। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में बड़ा झटका लग सकता है। ट्रंप का यह फैसला व्यापार के साथ-साथ रणनीतिक संबंधों पर भी असर डाल सकता है।
दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे थे, लेकिन इस नई शुल्क नीति से व्यापारिक विश्वास कमजोर हो सकता है। यदि यह नीति लंबे समय तक लागू रहती है, तो भारत को नए बाजारों की खोज और आपूर्ति श्रृंखला के पुनर्संयोजन की आवश्यकता होगी। यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब भी कई अमेरिकी उत्पादों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थकेयर डिवाइसेज और कृषि वस्तुओं पर 30 से 60% तक टैरिफ लगाता है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि भारत अपने बाजार को आंशिक रूप से बंद रखता है, जबकि अमेरिकी बाजार भारत के लिए अपेक्षाकृत खुला है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत को सबसे ज्यादा झटका कपड़ा, दवा और आभूषण जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों में लगेगा। फार्मा, एग्रीकल्चर और डिफेंस सेगमेंट में अमेरिका को झटका लगेगा।
भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर संभावित प्रभाव
फार्मास्युटिकल्स (जेनेरिक दवाएं)
भारत अमेरिकी जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
प्रभाव : टैरिफ से इन दवाओं की कीमत अमेरिका में बढ़ेगी, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर बोझ बढ़ेगा। भारत के फार्मा उद्योग को बड़ी कारोबारी चोट लग सकती है।
टेक्सटाइल-रेडीमेड गारमेंट्स
अमेरिका भारत के वस्त्र निर्यात का प्रमुख गंतव्य है।
प्रभाव : 25% टैरिफ से भारतीय कपड़े अमेरिकी मार्केट में महंगे हो जाएंगे, जिससे वियतनाम, बांग्लादेश और मेक्सिको को लाभ मिल सकता है। यह क्षेत्र भारत में बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार देता है।
जेम्स एंड ज्वेलरी
अमेरिका भारत के हीरे-जवाहरात का सबसे बड़ा ग्राहक है।
प्रभाव : अतिरिक्त टैरिफ से अमेरिका में भारतीय आभूषणों की मांग घट सकती है, जिससे सूरत और मुंबई जैसे क्लस्टर प्रभावित होंगे।
स्टील-एल्यूमिनियम
भारत अमेरिका को सीमित स्टील निर्यात करता है।
प्रभाव : टैरिफ से यह पूरी तरह अप्रतिस्पर्धी हो सकता है, जिससे निर्यात बंद होने की नौबत भी आ सकती है।
अमेरिका से भारत को होने वाले आयात पर संभावित प्रभाव
बोइंग एयरक्राफ्ट और डिफेंस इक्विपमेंट
भारत अमेरिका से भारी मात्रा में रक्षा उपकरण और यात्री विमान खरीदता है।
प्रभाव : अगर भारत पलटवार करता है तो इन उपकरणों पर ड्यूटी या ऑर्डर रद्द हो सकते हैं। इससे अमेरिका की डिफेंस इंडस्ट्री को नुकसान हो सकता है।
आईटी हार्डवेयर और चिप्स
प्रभाव : अमेरिका से आयातित सेमीकंडक्टर और हार्डवेयर पर यदि भारत पलटवार करता है तो मेक इन इंडिया को बल मिल सकता है, परंतु मूल्यवृद्धि भी होगी।
फ्रोजन फूड, बादाम, और शराब
अमेरिका से भारत बड़ी मात्रा में बादाम, ब्लूबेरी, और शराब आयात करता है।
प्रभाव : अमेरिकी कृषि उत्पादों की बिक्री घटेगी, और भारत के रिटेल सेक्टर में कीमतें बढ़ेंगी।
भविष्य के द्विपक्षीय व्यापार पर समग्र असर
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स का अनुमान है कि कुल व्यापार मूल्य 2025-26 में 170 अरब से घटकर 150 अरब डॉलर तक हो सकता है।
रणनीतिक संबंध : रक्षा सहयोग, तकनीक साझेदारी और हिंद-प्रशांत नीति पर विश्वास में कमी आ सकती है।
ट्रेड डाइवर्जन : भारत विकल्प के रूप में यूरोप, यूएई, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से व्यापार बढ़ा सकता है।
कांग्रेस ने कहा- बड़ा झटका
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह पीएम मोदी और भारत के लिए बहुत बड़ा झटका है। तारीफ ही तारीफ में टैरिफ लग गया। हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से कोई फायदा नहीं हुआ। राष्ट्रपति ट्रंप तीस बार कह चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया, तो हमें इस दोस्ती से क्या मिला?…यह अमेरिका का ब्लैकमेल है, हमारे लिए मुसीबत का समय।

By Aryavartkranti Bureau

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