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4 Oct 2025, Sat

‘अलगाववादी शब्बीर शाह की अन्य आपराधिक मामलों में हिरासत की जानकारी सौंपें’, शीर्ष कोर्ट का एनआईए को निर्देश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कहा कि वह कश्मीर अलगाववादी शब्बीर अहमद शाह की अन्य आपराधिक मामलों में हिरासत से जुड़ी जानकारी अदालत को दे। शाह आतंकवाद के लिए धन जुटाने के एक मामले में आरोपी है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा कि शाह के खिलाफ संभवत: 24 मामले लंबित हैं।
बेंच ने यह बात उस के समय कही, जब वह दिल्ली हाईकोर्ट के 12 जून के आदेश को चुनौती देने वाली शब्बीर शाह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने शाह को जमानत देने से इनकार कर दिया था। एनआईए की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने चार सितंबर को इस याचिका पर नोटिस जारी किया था और एजेंसी को जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए। कोर्ट ने एनआईए को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्तों का समय दिया।
बेंच ने कहा, कृपया हमें अन्य मामलों में हिरासत की स्थिति की जानकारी भी दें। वह संभवत: 24 मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि एनआईए जो जवाब दाखिल करेगी, उसमें खास तौर पर शब्बीर शाह की अन्य आपराधिक मामलों में हिरासत की स्थिति की जानकारी दी जानी चाहिए। इससे पहले चार सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने शाह को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने एनआईए को नोटिस जारी कर दो हफ्तों में उसका जवाब मांगा था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहते जमानत देने से इनकार कर दिया था कि इस संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता कि शब्बीर शाह आगे भी इसी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हो सकता है और गवाहों को प्रभावित कर सकता है। शब्बीर शाह को एनआईए ने चार जून 2019 को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने 2017 में शब्बीर शाह समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन पर पत्थरबाजी, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और केंद्र सरकार के खिलाफ साजिश के तहत युद्ध छेड़ने के लिए धन जुटाने का आरोप था।
शब्बीर शाह पर क्या आरोप है?
शब्बीर शाह पर आरोप है कि उसने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में भूमिका निभाई। उसने भड़काऊ भाषण देकर लोगों को भारत विरोधी नारे लगाने के लिए उकसाया, मारे गए आतंकवादियों को शहीद बताकर उन्हें श्रद्धांजलि दी, हवाला के जरिए पैसे हासिल किए और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर व्यापार से पैसे जुटाए, जो इन गतिविधियों में इस्तेमाल हुए।

By Aryavartkranti Bureau

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