नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सर्दियों में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर चिंता जाहिर करते हुए बुधवार को पंजाब सरकार से पूछा कि पराली जलाने वाले कुछ किसानों को गिरफ्तार क्यों न किया जाए ताकि सख्त संदेश दिया जा सके। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा, आप खुद फैसला लीजिए, नहीं तो हमें आदेश जारी करना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्त पदों को भरने से संबंधित एक स्व-प्रेरणा याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने इन राज्यों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को तीन महीने के भीतर रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया।
‘किसान विशेष हैं और हम उनकी वजह से भोजन करते हैं, लेकिन…’
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा से मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि पराली जलाने वाले किसानों को जेल भेजने और उन पर जुर्माना लगाने में हिचक क्यों हो रही है? सीजेआई ने कहा, किसान विशेष हैं और हम उनकी वजह से भोजन करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पर्यावरण की रक्षा न हो। आप दंड के कुछ प्रावधानों के बारे में क्यों नहीं सोचते? अगर कुछ लोग सलाखों के पीछे जाएंगे, तो इससे सही संदेश जाएगा। आप किसानों के लिए दंड के कुछ प्रावधानों के बारे में क्यों नहीं सोचते? अगर पर्यावरण की रक्षा करने का आपका सच्चा इरादा है तो फिर आप क्यों कतरा रहे हैं?
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: पंजाब सरकार से पूछा- क्यों न कुछ किसानों को गिरफ्तार कर कड़ा संदेश दें?
