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6 Aug 2025, Wed

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बिहार वोटर लिस्ट का मामला, सुप्रीम कोर्टने कहा- चुनाव आयोग नाम हटाने के आरोपों पर शनिवार तक जवाब दे

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आरोपों पर चुनाव आयोग (ECI) से शनिवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल किया है कि क्या एक अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट सूची को राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया था या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से उन आरोपों पर जवाब देने को कहा जो ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR)’ नामक गैर-सरकारी संगठन द्वारा दायर एक आवेदन में लगाए गए हैं। संगठन का आरोप है कि चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि हटाए गए 65 लाख मतदाता कौन हैं, और यह भी नहीं बताया कि क्या ये मतदाता मृत हैं या राज्य से बाहर चले गए हैं।
EC ने 65 लाख वोटर के नाम हटाए, लेकिन सूची नहीं दी: प्रशांत भूषण
एडीआर की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि राजनीतिक दलों को ब्लॉक स्तर पर सूची नहीं दी गई, और यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि जिन नामों को शामिल या हटाया गया है, वे बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) की सिफारिश के आधार पर थे या नहीं। प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच में कहा कि ‘हमने एक अंतरिम आवेदन (IA) दायर किया है। उन्होंने जो ड्राफ्ट रोल प्रकाशित किया है, उसमें कहा गया है कि 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। पर उन्होंने इन नामों की सूची नहीं दी है। चुनाव आयोग कह रहा है कि लोग मर चुके हैं, या पलायन कर गए हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि कौन हैं ये 65 लाख, कौन मृतक हैं, कौन पलायन कर चुके हैं।’ प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि दूसरी बात, जब BLOs फॉर्म भेजते हैं, तो कहते हैं कि यह व्यक्ति अनुशंसित है या नहीं। उन्होंने बाकी लोगों के लिए यह नहीं बताया, मतलब 8 करोड़ में से 65 लाख घटाकर, बाकी के लिए BLOs ने सिफारिश की है या नहीं, यह नहीं बताया गया। यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। कृपया उनकी अर्जी पर जल्द सुनवाई के लिए उसे लिस्ट किया जाए।जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि एसओपी के अनुसार, हर राजनीतिक दल के प्रतिनिधि को ब्लॉक स्तर पर सूची दी जानी चाहिए थी। भूषण ने कहा कि ऐसा नहीं किया गया है। उन्होंने यह जानकारी नहीं दी। अगर किसी राजनीतिक दल को दी भी गई है, तो इसके पीछे कारण नहीं बताए गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा कि यह केवल एक प्रारंभिक सूची है और अंतिम सूची के समय कारण बताए जाएंगे। प्रशांत भूषण ने यह भी आरोप लगाया कि जिन व्यक्तियों के नाम सूची में शामिल किए गए हैं, उनके लिए भी BLOs की सिफारिश नहीं ली गई है।
भूषण के आरोपों को चुनाव आयोग के वकील ने बताया गलत
चुनाव आयोग के वकील ने भूषण के आरोपों को गलत बताया और कहा कि ड्राफ्ट सूची को राजनीतिक दलों के साथ साझा किया गया था। हम केवल ड्राफ्ट रोल को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं। हम दिखा सकते हैं कि हमने यह सूची राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ साझा की है। इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप यह सब उत्तर में क्यों नहीं कहते? अगर आपने साझा किया है, तो उन राजनीतिक दलों की सूची दीजिए जिन्हें आपने सूची दी है। शनिवार तक अपना जवाब दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि हर ऐसा मतदाता, जो प्रभावित हो सकता है। उसे आवश्यक जानकारी और दस्तावेज़ देने का अवसर मिले। आप (आयोग) एक व्यापक जवाब दाखिल करें। केवल राजनीतिक दलों के साथ नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन के पास भी जानकारी होनी चाहिए। अदालत याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई करेगा।

By Aryavartkranti Bureau

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