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2 Jul 2025, Wed

‘परमाणु हमले की धमकी से डरे नहीं दुनिया’, UN मुख्यालय में जयशंकर बोले- आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाए

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दुनिया को एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।
जयशंकर ने कहा कि आतंवादी संगठन कुछ देशों के पॉक्सी के तौर पर काम करते हैं। इसलिए ऐसा करने नहीं देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि किसी देश के परमाणु ब्लैकमेल के सामने नहीं झुकना चाहिए। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का पलटवार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का साफ पैगाम देता है।
एस जयशंकर तीन दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। वहां उन्होंने ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘आतंकवाद का मानवीय नुकसान’ नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
यह प्रदर्शनी 30 जून से 3 जुलाई और 7 से 11 जुलाई तक दो स्थानों पर प्रदर्शित होगी। यह उद्घाटन ऐसे समय हुआ जब मंगलवार को पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता शुरू करने जा रहा है।
जयशंकर ने अप्रैल 22 के पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले की कड़ी निंदा की थी और इसके जिम्मेदार आतंकियों को सजा देने की मांग की थी।
भारत ने इस हमले के दो हफ्ते बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘किसी भी देश की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को बेनकाब करना होगा और उसका मुकाबला करना होगा।’
जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद कहीं भी हो, वह हर जगह शांति के लिए खतरा है। दुनिया को इस समझ के साथ एकजुट होकर जवाब देना होगा।
इंसानियत का सबसे बड़ा दुश्मन है आतंकवाद: विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों जैसे मानवाधिकार, नियम-कानून और देशों के बीच आपसी रिश्तों के बिल्कुल खिलाफ है। उन्होंने कहा, “जब कोई देश अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जब कट्टरता इसे हवा देती है, जब यह कई गैरकानूनी गतिविधियों को जन्म देता है, तब इसे दुनिया के सामने बेनकाब करना जरूरी है।’
प्रदर्शनी में 1993 के मुंबई बम धमाकों, 2008 के मुंबई हमलों और पहलगाम हमले जैसे आतंकी कृत्यों को दर्शाया गया है। इसमें पाकिस्तान आधारित कई आतंकी संगठनों और व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं।
जयशंकर ने कहा कि यह प्रदर्शनी आतंकवाद के शिकार हुए लोगों की आवाज को बुलंद करने का एक छोटा लेकिन दृढ़ प्रयास है।
उन्होंने जोर दिया कि आतंकवाद के शिकार परिवारों का दर्द हमें याद दिलाता है कि इसे हर रूप में खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी साझा है। संयुक्त राष्ट्र में हमें सिर्फ याद नहीं करना, बल्कि उन मूल्यों और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने होंगे जिन्हें आतंकवाद नष्ट करना चाहता है।

By Aryavartkranti Bureau

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