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1 Jun 2025, Sun

चल गया ट्रंप का टैरिफ वाला दाव, 4 साल में सबसे ज्यादा भरा सरकारी खजाना

मुंबई, एजेंसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से पूरी दुनिया में उथल पुथल मच गई थी। लेकिन तब से ही चीन और अमेरिका का टैरिफ वॉर बढ़ते ही जा रहा था, जो हाल के दिनों में शांत हो गया है। दुनिया के दो सबसे बड़े इकोनॉमी के बीच छिड़ी जंग अब 90 दिन के लिए शांत हो गई है। क्योंकि दोनों देश अब एक-दूसरे से आयात किए जाने वाले सामान पर टैरिफ घटाने को लेकर सहमत हो गए हैं।
अप्रैल में ट्रेजरी विभाग का बजट
अब चीन अमेरिका से आयात किए जाने वाले सामान पर 90 दिन के लिए 125 प्रतिशत की बजाय सिर्फ 10 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। जबकि अमेरिका भी चीन से इंपोर्ट होने वाले सामान पर 90 दिन तक 145 प्रतिशत की बजाय सिर्फ 30 प्रतिशत टैक्स लेगा। टैरिफ लागू होने से पहले ही अमेरिका के खजाने पर इसका असर देखने को मिला है। अप्रैल में ट्रेजरी विभाग का बजट सरप्लस 258 अरब डॉलर रहा जो साल 2021 के बाद से सबसे अधिक है। इस दौरान सरकार को रेवेन्यू के रूप में 850 अरब डॉलर मिले जबकि सरकार का खर्च 592 अरब डॉलर रहा।
इंडिविजुअल टैक्स पेमेंट
अमेरिकी सरकार के रेवेन्यू में तेजी की वजह इंडिविजुअल टैक्स पेमेंट है। अप्रैल में सरकार को 460 अरब डॉलर मिले जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 16 फीसदी अधिक है। इस तरह ट्रेजरी विभाग को कस्टम ड्यूटी के रूप में रिकॉर्ड 16 अरब डॉलर मिले जो पिछले साल के मुकाबले 9 अरब डॉलर से अधिक है। वहीं, फाइनेंशियल ईयर 2025 के पहले सात महीनों में अमेरिका का बजट घाटा 194 अरब डॉलर बढ़कर 1.05 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है। जो अमेरिका के इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा घाटा है।
मंदी झेलने की स्थिति में भी नहीं
आपको बता दें, अमेरिका की इकॉनमी इस समय मंदी झेलने की स्थिति में भी नहीं है। वहीं मंदी के दौरान अमेरिका का बजट घाटा औसत जीडीपी का 4 प्रतिशत रहा है। अगर इस साल मंदी आती भी है तो खजाने पर 1.3 ट्रिलियन डॉलर का घाटा भी लग सकता है। इसके पीछे का कारण यह है कि मंदी आती है तो लॉन्ग टर्म इंटरेस्ट रेट नीचे गिर सकते हैं।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।