नई दिल्ली। पीएम मोदी ने बुधवार को ब्रिक्स समिट को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं जनहितकारी है। वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए आवाज उठानी होगी। हम सुरक्षित समृद्ध भविष्य के लिए सक्षम हैं। इस दौरान पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ भी आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद और टेरर फंडिंग से मजबूती से लड़ना होगा। हमें युवाओं को कट्टरपंथ की ओर जाने से रोकना होगा। भारत युद्ध नहीं संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है।
पीएम मोदी ने कहा, आज की बैठक के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त करता हूं। मुझे बहुत खुशी है कि हम पहली बार विस्तारित ब्रिक्स परिवार के रूप में मिल रहे हैं। ब्रिक्स परिवार से जुड़े सभी नए सदस्यों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछले एक साल में रूस की सफल अध्यक्षता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का अभिनंदन करता हूं।
ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह
पीएम ने कहा, हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, क्लाइमेट चेंज और आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है। विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है। महंगाई पर रोकथाम, फूड सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी और वाटर सिक्योरिटी सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं। पीएम मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी के युग में, साइबर सिक्यूरिटी, डीप फेक, दुष्प्रचार जैसी नई चुनौतियां बन गई हैं। ऐसे में ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं। मेरा मानना है कि एक विविध एवं समावेशी प्लेटफॉर्म के रूप में ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है। इस मामले में हमारी सोच लोगों पर केंद्रित होनी चाहिए। हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है।
विश्व को सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दे रहा ब्रिक्स
पीएम ने कहा, ग्लोबल साउथ की आशाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। आज ब्रिक्स विश्व को सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दे रहा है। मेरा मानना है कि समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स हर मुद्दे पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। भारत नए देशों का ब्रिक्स पार्टनर कंट्री के रूप में स्वागत करने के लिए तैयार है।
विभिन्न विचारों और विचारधाराओं का संगम है ब्रिक्स
पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम ग्लोबल संस्थाओं में बदलाव नहीं बल्कि उन्हें रिप्लेस करना चाहते हैं। वाइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट और अपनी G-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने इन देशों की आवाज को वैश्विक मंच पर रखा है।
पीएम ने कहा, मुझे खुशी है कि ब्रिक्स के अंतर्गत भी इन प्रयासों को बल मिल रहा है। पिछले साल अफ्रीका के देशों को ब्रिक्स से जोड़ा गया। इस साल भी रूस द्वारा अनेक ग्लोबल साउथ के देशों को आमंत्रित किया गया है। विभिन्न प्रकार के विचारों और विचारधाराओं के संगम से बना ब्रिक्स समूह आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।