नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा भगोड़ों को वापस लाने की कोशिशों के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसी सिलसिले में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने हाल ही में दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया। यह दौरा विशेष रूप से विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण मामलों में सहायता के उद्देश्य से किया गया है। टीम का मकसद यह था कि ब्रिटेन की अदालतों में यह साबित किया जा सके कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों को तिहाड़ जेल में सुरक्षित और बेहतर माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। दरअसल, हाल ही में ब्रिटेन की अदालतों ने तिहाड़ जेल की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए कई मामलों में भारत की प्रत्यर्पण याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ब्रिटेन को यह गारंटी दी है कि किसी भी प्रत्यर्पित आरोपी के साथ जेल में न तो कोई मारपीट की जाएगी और न ही उसके साथ किसी प्रकार की गैरकानूनी कोई पूछताछ की जाएगी।
हाई-प्रोफाइल आरोपियों के लिए विशेष एन्क्लेव
यह भारत से भागे आर्थिक अपराधियों और फरारों को वापस लाने की कोशिशों में एक अहम कदम माना जा रहा है। हाल ही में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल पहुंची और वहां की सुविधाओं का जायजा लिया। जानकारी के अनुसार, CPS टीम तिहाड़ की हाई-सिक्योरिटी वार्ड तक गई और वहां मौजूद कैदियों से बातचीत भी की। भारतीय अधिकारियों ने CPS प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो जेल परिसर में एक विशेष एन्क्लेव बनाया जाएगा जहां विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल आरोपियों को सुरक्षित तरीके से रखा जा सकेगा।
भारत के 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विदेशों में लंबित
इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिटेन भारत को ऐसे भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण में सहयोग करे। अभी तक भारत के 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विदेशों में लंबित हैं, जिनमें से करीब 20 अकेले ब्रिटेन में फंसे हैं। इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, हथियार कारोबारी संजय भंडारी और कई खालिस्तानी नेताओं के नाम शामिल हैं।