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8 Nov 2024, Fri

डेढ़ लाख एकड़ से अधिक का लैंडबैंक तैयार करने में जुटी योगी सरकार

सितंबर 2024 तक 54 हजार एकड़ लैंडबैंक सरकार के पास, 2024-25 वित्तीय वर्ष के अंत तक 82 हजार एकड़ लैंडबैंक तैयार करने का लक्ष्य

  • यूपी को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए 2027 तक डेढ़ लाख एकड़ लैंडबैंक तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रही योगी सरकार
  • औद्योगिक विकास के लिए जरूरी भूमि उपलब्ध होने के साथ-साथ राज्य में निवेशकों के लिए भी बेहतर अवसर खुलेंगे
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा भूमि अधिग्रहण और आवंटन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को औद्योगिक प्रदेश बनाने की दिशा में योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार प्रयासरत है। सरकार का लक्ष्य 2027 तक 1.5 लाख एकड़ से अधिक का लैंडबैंक तैयार करना है, जिससे राज्य में औद्योगिक निवेश और विकास के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जा सके। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत की गई वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी से संबंधित एक रिपोर्टमें बताया गया कि सितंबर 2024 तक सरकार ने 54 हजार एकड़ भूमि का लैंडबैंक तैयार कर लिया है। इसमें से 30-40 प्रतिशत भूमि का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। यह भूमि यूपीसीडा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा, और गीडा जैसे प्रमुख औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिग्रहित की जा रही हैं, जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक परियोजनाओं के लिए आवंटित होंगी।

इस वित्तीय वर्ष में अबतक 21,751 एकड़ भूमि का हुआ अधिग्रहण
योगी सरकार का लक्ष्य 2024-25 के वित्तीय वर्ष के अंत तक 82 हजार एकड़ भूमि का लैंडबैंक तैयार करना है। इसके बाद अगले दो से तीन साल में शेष भूमि का अधिग्रहण और आवंटन करके 1.5 लाख एकड़ से अधिक का लैंडबैंक तैयार किया जाएगा। इस वित्तीय वर्ष में अबतक 21,751 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है, जो औद्योगिक विस्तार के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इसके अलावा, 5,811 एकड़ भूमि का विकास किया गया है और यह उद्योगपतियों के लिए आवंटन के लिए तैयार है।

निवेशकों को बिना किसी कठिनाई के भूमि उपलब्ध कराने पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में औद्योगिक विकास की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। स्वयं मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को निर्देशित किया है कि वे भूमि अधिग्रहण और आवंटन की प्रक्रिया को तेज करें, ताकि निवेशकों को बिना किसी कठिनाई के भूमि उपलब्ध कराई जा सके। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राज्य में कुल 82,000 एकड़ भूमि की संभावित आपूर्ति वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक हो सकती है। हालांकि, सरकार को अभी भी लगभग 60 से 80 हजार एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी ताकि राज्य के वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इस दिशा में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, कानपुर और लखनऊ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण तेजी से हो रहा है। बता दें कि औद्योगिक विकास के लिए भूमि की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती रही है। राज्य सरकार का मानना है कि लैंड बैंक के माध्यम से न केवल बड़े उद्योगों को बल्कि छोटे और मझोले उद्योगों को भी पर्याप्त स्थान मिलेगा, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

निवेशकों को मिलेगा अनुकूल माहौल
योगी सरकार द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों से निवेशकों को अनुकूल माहौल मिलेगा। भूमि आवंटन और विकास प्रक्रिया में तेजी के साथ, राज्य में निवेशकों के लिए अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। सरकार की ओर से उद्योगपतियों को आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रही हैं, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास के दरवाजे खुल रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था, बेहतर सड़क, बिजली, जल आपूर्ति और संचार सुविधाओं की उपलब्धता राज्य को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बना रही है। यह सकारात्मक माहौल राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य तक पहुंचाने में सहायक साबित होगा।

हर सेक्टर में हुई उल्लेखनीय प्रगति
इसके साथ ही सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों पर भी काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार किया जा रहा है, जिसमें उन्हें बेहतर आधारभूत संरचना, सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इससे राज्य में विदेशी और घरेलू दोनों प्रकार के निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। सरकार के इन प्रयासों का असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में कई बड़े निवेश हुए हैं, जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यह निवेश न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न कर रहे हैं।

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