लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोक भवन में कैबिनेट की बैठक में 11 प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। बैठक में 18 प्रस्ताव रखे गए थे।
कैबिनेट की बैठक में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को स्वीकृति प्रदान की गई है। उपविधि को मंजूरी मिलने पर चौड़ी सड़क किनारे के भवनों में दुकान खोली जा सकेंगी और कम जगह में ज्यादा निर्माण भी किया जा सकेगा।
उपविधि के तहत 10 लाख तक की आबादी वाले नगरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क किनारे के घरों में दुकानें बनाई जा सकेंगी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में 24 मीटर सड़क किनारे स्थित भवनों का मिश्रित उपयोग किया जा सकेगा।
इतना ही नहीं, भूखंड पर कहीं और ज्यादा निर्माण भी कराया जा सकेगा। यह उपविधि भूखंड स्वामियों को शोषण से राहत देने के लिए भवन निर्माण के कड़े मानकों में काफी हद तक छूट देगी।
कैबिनेट की बैठक में जेपी एनआइसी को संचालित करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है। एलडीए इसे पीपीपी माडल पर संचालित करेगा। समाजवादी पार्टी सरकार ने ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी का करीब 800 करोड़ रुपए खर्च करके निर्माण कराया था।
समाजवादी पार्टी सरकार ने इसके संचालन के लिए जेपी एनआइसी सोसायटी बनाई थी। जिसको योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने आज भंग कर दिया और एलडीए उसका मेंटिनेंस कराकर संचालित कराने का काम सौंपा। काफी समय से इसको लेकर विवाद होते रहे हैं।
नगर विकास विभाग लखनऊ के वृंदावन योजना में पीपीपी माडल पर बस टर्मिनल बनाने की योजना को भी हरी झंडी दी गई है। यहां पर एक ही स्थान पर इलेक्ट्रिक और सीएनजी पंप स्टेशनों की भी व्यवस्था होगी जिससे वाहनों की चार्जिंग के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।
कैबिनेट के प्रस्ताव में लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे व पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिली और बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण नियमावली भी पास की गई।