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12 Jul 2025, Sat

‘साईं पल्लवी मेरी तरह सीता नहीं बन सकतीं’, रणबीर की रामायण पर बोलीं दीपिका चिखलिया

रामानंद सागर की ‘रामायण’ में सीता का किरदार निभा चुकीं दीपिका चिखलिया आज भी करोड़ों लोगों के लिए ‘सीता माता’ हैं। हाल ही में जब नितेश तिवारी की नई फिल्म ‘रामायण’ का टीजर सामने आया, तो उन्होंने अमर उजाला डिजिटल से बातचीत में इस पर राय रखी। उन्होंने फिल्म के विजुअल्स की तारीफ की, लेकिन साथ ही इस बात की चिंता भी जताई कि कहीं रामायण के असली इमोशंस बड़े बजट और तकनीक के बीच खो न जाए।
‘टीजर भव्य है, पर आत्मा दिखाई नहीं दी’
दीपिका चिखलिया ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे विजुअल इफेक्ट्स अच्छे लगे। लेकिन मेरी अपनी राय है कि रामायण सिर्फ ग्राफिक्स या टेक्नोलॉजी नहीं है। ये एक भावनाओं की कहानी है। टीजर देखकर कहानी का अंदाजा नहीं लगा, लेकिन इतना जरूर लगा कि ये काफी मॉडर्न लग रहा है। लाइटिंग, रंगों का टोन… सब थोड़ा नया जमाने जैसा महसूस हुआ’। दीपिका ने कहा कि जब उन्होंने ‘रामायण’ की थी, तब तकनीक बहुत सीमित थी, लेकिन लोगों ने उस शो से दिल से जुड़ाव बनाया था। अब जो टीजर देखा, उसमें भव्यता है, लेकिन मैं इंतजार कर रही हूं यह देखने का कि क्या उसमें वो इमोशंस हैं या नहीं।’
‘रणबीर को देखा…और याद आ गए अरुण गोविल’
जब दीपिका से पूछा गया कि रणबीर कपूर राम के रूप में कैसे लगे, तो उन्होंने कहा, ‘जब मैंने रणबीर को राम के रूप में देखा, तो मुझे तुरंत अरुण गोविल की याद आ गई। मैं शायद कभी राम की जगह किसी और को देख ही नहीं पाऊंगी। वे 35-40 साल से हमारे लिए राम हैं’।
‘साई पल्लवी मुझसे अलग होंगी, पर सीता को अच्छी तरह निभाएंगी’
सीता के रोल में साई पल्लवी के चयन पर दीपिका ने कहा, ‘वो एक बहुत अच्छी एक्ट्रेस हैं। मैंने उनकी मलयालम फिल्में देखी हैं। उनकी एक्टिंग बहुत नैचुरल होती है। मुझे पूरा भरोसा है कि वे सीता का किरदार अच्छे से निभाएंगी। हां, वो मुझसे अलग होंगी, लेकिन वो अपना काम अच्छे से करेंगी’।
‘पहले से पहचाने चेहरे को भगवान मानना आसान नहीं होता’
दीपिका ने बताया कि जब उन्होंने ‘रामायण’ में काम किया था, तब लोगों ने उन्हें सच में देवी के रूप में देखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘आज भी लोग मुझे और अरुण जी को राम-सीता ही मानते हैं। फर्क बस इतना है कि जब हम आए थे, तब हम बिल्कुल नए चेहरे थे। लोग हमें उसी रूप में स्वीकार कर पाए। लेकिन अब के कलाकार पहले से कई किरदार कर चुके हैं, इसलिए लोगों के लिए उन्हें भगवान के रूप में स्वीकार करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।’
‘राम जी को दशरथ के रूप में देखना आसान नहीं’
नई फिल्म में अरुण गोविल दशरथ की भूमिका निभा रहे हैं। इस पर दीपिका ने भावुक होकर कहा, ‘जब मैंने सोशल मीडिया पर उन्हें दशरथ के रूप में देखा, तो दिल से यही निकला… ये तो राम जी हैं। उनके चेहरे पर वही शांति, वही छवि है। मुझे उन्हें दशरथ के रूप में देखना थोड़ा मुश्किल लगा’।
‘रामायण में खुद को सिर्फ सीता के रूप में ही देख सकती हूं’
दीपिका ने यह भी बताया कि उन्हें इस फिल्म के लिए किसी ने संपर्क नहीं किया। साथ ही उन्होंने खुद को किसी और किरदार में देखने से इनकार किया। एक्ट्रेस ने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि मैं सिर्फ सीता हूं। मैं खुद को किसी और रूप में रामायण में नहीं देख सकती। अगर महाभारत जैसा कुछ होता, तो सोचती। लेकिन रामायण में नहीं’।
‘रामायण को सिर्फ देखा नहीं, महसूस किया जाता है’
फिल्म के मेगा बजट (करीब 850 करोड़ रुपये) पर दीपिका ने कहा, ‘रामायण सिर्फ एक कहानी नहीं है। यह रिश्तों और भक्ति की गहराई है। इसे दिखाने के लिए पैसे नहीं, भावना चाहिए। रामायण को महसूस करना होता है, सिर्फ देखना नहीं होता। मुझे बस ये डर है कि इतने बड़े बजट और भारी विजुअल्स में इमोशंस पीछे न रह जाएं। असली रामायण वही है, जिसमें भक्ति और भावनाएं हों।’

By Aryavartkranti Bureau

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