नई दिल्ली, एजेंसी। सरकारी बैंकों ने अब खाते में मासिक आधार पर औसत न्यूनतम जमा न होने पर वसूले जाने वाले जुर्माना को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 2023-24 में इन बैंकों ने ग्राहकों से 2,331 करोड़ की कमाई इसी मद से की थी।
अभी तक पांच सरकारी बैंकों ने खाते में न्यूनतम जमा न होने पर किसी भी शुल्क को नहीं लगाने का फैसला किया है। इस वजह से आने वाले समय में बाकी सरकारी बैंक भी इसका पालन कर सकते हैं। हालांकि, यह नियम केवल बचत खाते पर है जहां बैंक 2.50 फीसदी से लेकर 6 फीसदी या उससे भी ज्यादा ब्याज देते हैं। हाल में आरबीआई ने रेपो दर में एक फीसदी की कमी की है, इससे बैंकों के पास जमा नहीं आ रहा है। इस वजह से बैंकों को आगे नकदी के मामले में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। अब तक जिन पांच बैंकों ने न्यूनतम जमा शुल्क खत्म किया है, उनमें पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, केनरा बैंक और एसबीआई है।
2022-23 में वसूले थे 1855 करोड़
सरकारी बैंकों ने 2022-23 में न्यूनतम जमा नहीं होने पर ग्राहकों से 1,855 करोड़ रुपये की वसूली की थी। हालांकि, 2023-24 में यह करीब 26 फीसदी बढ़ गई। तीन वर्षों में इन बैंकों ने कुल 5,614 करोड़ रुपये की वसूली की थी। आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंकों को खाता खोलते समय ग्राहकों को न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता के बारे में सूचित करना आवश्यक है। इसके बाद होने वाले बदलाव के बारे में भी खाताधारकों को सूचित किया जाना चाहिए।