मुंबई, एजेंसी। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच सरकार ने इनकम टैक्स के रूप में ₹20,000 करोड़ की बकाया राशि वसूली है। यह पिछले साल की पहली तिमाही से लगभग दोगुनी रकम है। टैक्स विभाग के मुताबिक, इसमें से सबसे ज्यादा ₹17,244 करोड़ कॉरपोरेट टैक्स (कंपनियों से), ₹2,714 करोड़ व्यक्तिगत आयकर (व्यक्तियों से) और ₹180 करोड़ टीडीएस (Tax Deducted at Source) की वसूली है।
यह रकम उन लोगों से वसूली गई है जिन्हें 31 मार्च 2025 तक टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजे थे। अब इनकम टैक्स विभाग इस वसूली अभियान को और तेज करने की तैयारी में है।विभाग का लक्ष्य है कि पूरे वित्त वर्ष 2025 में कम से कम ₹1।96 लाख करोड़ की टैक्स वसूली की जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग ₹2 लाख करोड़ तक की वसूली आराम से कर सकता है क्योंकि पिछले कुछ सालों में वसूली के नतीजे अच्छे रहे हैं।
विभाग अब ऐसे टैक्सपेयर्स की पहचान कर रहा है जो या तो अपनी सही आमदनी नहीं दिखा रहे या फिर जानबूझकर टैक्स नहीं दे रहे हैं। इसके लिए CBDT ने अपने फील्ड ऑफिसों को अलग-अलग ज़ोन के हिसाब से वसूली के लक्ष्य दिए हैं। खास फोकस उन मामलों पर है जिनमें कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आया है।
2024-25 में अब तक ₹1.96 लाख करोड़ की टैक्स मांग ऐसे मामलों में तय हुई है जिनमें सरकार का पक्ष मजबूत रहा। इस साल अब तक कुल ₹92,400 करोड़ की वसूली की जा चुकी है — जिसमें ₹67,711 करोड़ कॉरपोरेट टैक्स, ₹23,536 करोड़ व्यक्तिगत टैक्स और ₹1,100 करोड़ टीडीएस से संबंधित है।
कितना बकाया है टैक्स
हालांकि टैक्स बकाया की कुल रकम सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। संसद की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक टैक्स बकाया बढ़कर ₹42 लाख करोड़ पहुंच गया है, जो कि 2019-20 में केवल ₹10 लाख करोड़ था। अब विभाग इस में से कम से कम ₹27 लाख करोड़ वसूलने का प्लान बना रहा है।सरकार का यह वसूली अभियान राजस्व बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और आने वाले महीनों में इसे और सख्ती से लागू किया जाएगा।
सबसे ज्यादा इन शहरों के लोगों के हुई वसूली
इनकम टैक्स ने सबसे ज्यादा वसूली मुंबई और दिल्ली के टैक्सपेयर्स से की है। इसमें 29 फीसदी मुंबई और 21 फीसदी दिल्ली के टैक्सपेयर्स शामिल हैं।