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16 Oct 2025, Thu

पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरों की कमी से संबंधित मामले में फैसला 26 सितंबर को

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरों की कमी से संबंधित स्वतः संज्ञान मामले में 26 सितंबर को आदेश पारित करेगा। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह मुद्दा निगरानी का है। इससे पहले 4 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें कहा गया था कि पिछले आठ महीनों में राजस्थान में पुलिस हिरासत में 11 मौतें हुईं। कोर्ट ने नोट किया था कि रिपोर्ट के अनुसार इनमें से सात घटनाएं उदयपुर संभाग में ही हुईं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में मानवाधिकारों के हनन को रोकने के लिए पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था। दिसंबर 2020 में शीर्ष अदालत ने केंद्र को सीबीआई, ईडी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित जांच एजेंसियों के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन, सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं, मुख्य द्वार, लॉक-अप, गलियारों, लॉबी और रिसेप्शन के साथ-साथ लॉक-अप रूम के बाहर के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि कोई भी हिस्सा छिपा न रहे।
हिमाचल प्रदेश में पर्यावरणीय परिस्थितियों पर 23 सितंबर को आदेश पारित
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह हिमाचल प्रदेश में पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय परिस्थितियों से संबंधित मुद्दों पर स्वतः संज्ञान मामले में 23 सितंबर को अपना आदेश पारित करेगा। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने हिमाचल प्रदेश की ओर से पेश वकीलों से कहा, ‘आदेश के लिए 23 सितंबर को सूचीबद्ध करें। हम सभी बातों का सारांश प्रस्तुत करने के बाद आपको एक संक्षिप्त आदेश देंगे, ताकि आपको विशिष्ट निर्देश मिल सकें।’ सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता ने पीठ को इस मामले में राज्य द्वारा दायर एक रिपोर्ट के बारे में बताया। इस मामले में न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के. परमेश्वर ने कहा कि राज्य द्वारा दायर रिपोर्ट में वृक्षावरण सहित कई पहलुओं को शामिल किया गया है।
28 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने कहा था कि अगर स्थिति नहीं बदली तो राज्य अचानक गायब हो सकता है। राज्य में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन का राज्य पर स्पष्ट और चिंताजनक प्रभाव पड़ रहा है।

By Aryavartkranti Bureau

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