लेटेस्ट न्यूज़
25 Oct 2025, Sat

फेंटेनाइल को राष्ट्रीय खतरा घोषित करने की तैयारी… इस ड्रग के पीछे क्यों पड़ा है अमेरिका?

वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के लिए हाल के वर्षों में एक ड्रग जिसका नाम फेंटेनाइल है, भारी सिरदर्द बन चुका है। इसको लेकर राजनीतिक और सुरक्षा हलकों में जबरदस्त हलचल है। ट्रंप प्रशासन के बॉर्डर जार टॉम होमैन ने तो यहाँ तक कहा है कि इस ड्रग को विनाश का हथियार यानी Weapon of Mass Destruction WMD घोषित करने पर कम से कम चर्चा तो होनी चाहिए।
होमैन के मुताबिक, छह महीने पहले उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की एक मीटिंग में हिस्सा लिया था, जहाँ फेंटेनाइल को WMD घोषित करने पर चर्चा हुई थी। उनका कहना है कि यह प्रस्ताव आगे बढ़ाने की बात हुई थी, पर वह अब नहीं जानते कि मामला कहाँ तक पहुँचा। इस विचार के पीछे तर्क यह है कि अगर कोई आतंकवादी समूह या विदेशी दुश्मन फेंटेनाइल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करे, तो यह हजारों लोगों की जान एक झटके में ले सकता है। सवाल उठता है कि आखिर अमेरिका फेंटेनाइल के पीछे इतना क्यों पड़ा है?
फेंटेनाइल अमेरिका के लिए सिरदर्द क्यों?
दरअसल फेंटेनाइल कोई साधारण ड्रग नहीं है। ये एक सिंथेटिक ओपिओइड है जो मॉर्फिन से लगभग 50 गुना और हेरोइन से करीब 100 गुना ज्यादा ताकतवर है। इसकी कुछ मिलीग्राम मात्रा भी इंसान की जान ले सकती है। 2024 में अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) ने 380 मिलियन से ज्यादा जानलेवा डोज जब्त कीं, यानी इतनी मात्रा कि अमेरिका की पूरी आबादी को एक बार में मार सके। यही वजह है कि फेंटेनाइल को अब सिर्फ ड्रग नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
फेंटेनाइल पर ये बहस कितनी सही है?
लेकिन दूसरी तरफ आलोचकों का कहना है कि फेंटेनाइल को WMD घोषित करना एक राजनीतिक स्टंट है, न कि व्यावहारिक समाधान। फेंटेनाइल का संकट मुख्यतः सार्वजनिक स्वास्थ्य और लत की समस्या है, न कि सैन्य या आतंकवादी खतरा। अधिकांश फेंटेनाइल चीन या मैक्सिको से अवैध रूप से अमेरिका आता है और इसका मकसद लोगों को मारना नहीं, बल्कि नशे के बाजार में मुनाफा कमाना है। दिलचस्प बात यह है कि 2024 में ओवरडोज़ मौतों में 26।9% की गिरावट आई है। यानी हालात थोड़ा सुधर रहे हैं। बावजूद इसके, फेंटेनाइल को लेकर ये बहस अब भी जारी है।

By Aryavartkranti Bureau

आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने की प्रेरणा और सकारात्मकता का प्रतीक हैं।