हमारे देश में कई तरह के साग मिलते हैं, जिन्हें लोग बहुत चाव से खाते हैं। इनमें से एक फेमस साग पालक है और यह बात सभी को मालूम है कि पालक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मगर आज हम इस लेख में एक और ऐसे साग के बारे में जानने वाले हैं जिसका सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, हम बात कर रहे हैं बथुआ साग की। पोषण के मामले में यह साग पालक को भी टक्कर दे सकता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि बहुत से लोग इसे घास समझकर फेंक देते हैं।
बथुआ एक ऐसा साग है जो सर्दियों में खेतों में अपने आप ही उग जाता है। यह साग कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन ए, और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का एक शानदार स्रोत है। पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, जहां पालक को आयरन और विटामिन K के लिए जाना जाता है, वहीं बथुआ में विटामिन A और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा, बथुआ में ऐसे आवश्यक अमीनो एसिड पाए जाते हैं जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
यह न केवल आपके आहार को विटामिन और मिनरल से समृद्ध करता है, बल्कि इसे नियमित रूप से खाने से शरीर को आंतरिक रूप से मजबूती मिलती है। अच्छी बात यह है कि ये साग बाजार में आसानी से किफायती दाम पर उपलब्ध होते हैं। इसलिए आइए इस लेख में इस साग से मिलने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पाचन तंत्र को रखता है दुरुस्त
बथुआ के साग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है और आंतों की गतिशीलता को बढ़ाता है। यह एक प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करता है।
इम्यूनिटी और रक्त शोधन
बथुआ में पर्याप्त मात्रा में विटामिन C होता है, ये आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही यह खून को साफ करने का भी काम करता है। बथुआ में पाए जाने वाले आवश्यक तेल और खनिज शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा साफ होती है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक
बथुआ कैल्शियम और फॉस्फोरस का एक बेहतरीन स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डियों के रोगों से बचाती है। इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम भी होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है।
एनीमिया (खून की कमी) में फायदेमंद
बथुआ में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, हालांकि इसे पारंपरिक रूप से पालक जितना नहीं माना जाता, लेकिन यह खून की कमी यानी एनीमिया के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में भी सहायक होता है।
बथुआ साग में ऑक्सालेट की अधिक मात्रा होती है, इसलिए किडनी के मरीजों को यह नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह किडनी स्टोन बना सकता है। गर्भवती महिलाओं को भी इसके सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता है। इसलिए, इन दोनों स्थितियों में इसे डॉक्टर की सलाह के बाद ही आहार में शामिल करना सुरक्षित है।
डिस्क्लेमर : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से विशेषज्ञ राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें। आर्यावर्त क्रांति इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

