लेटेस्ट न्यूज़
22 Dec 2024, Sun

Parliament Winter Session: इंडिया गठबंधन में दिखने लगी दरार! कांग्रेस के प्रदर्शन से नदारद दिखी SP-TMC, BJP बोली-जहां जाते

संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन मंगलवार को भी हंगामा जारी रहा। दरअसल, अदाणी मामले पर विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट किया। उसके बाद संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करने लगे। विपक्षी दलों के सांसदों के हाथ में ‘मोदी-अदाणी एक हैं’ और ‘भारत अदाणी के खिलाफ जवाबदेही की मांग करता है’, लिखी तख्तियां दिख रही थीं। इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी शामिल हुए। हालांकि, इससे समाजवादी पार्टी (एसपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दूरी बना ली है। ऐसे में सरकार के खिलाफ विपक्ष बिखरता नजर आया। इस दूरी ने एक बार फिर इंडिया गठबंधन में आई दरार को सामने ला दिया।
सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध कर रहे: थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। हम सदन के अंदर प्रदर्शन नहीं कर सकते इसलिए हमने संसद परिसर में विरोध किया है।
विपक्षी पार्टियों में क्यों है मतभेद?
25 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार गतिरोध बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी का पूरा फोकस अदाणी मामले को लेकर है, लेकिन समाजवादी पार्टी संभल हिंसा पर चर्चा की मांग कर रही है। इससे पहले सोमवार को संसद की कार्यवाही से पहले इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मुलाकात राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से हुई थी, जिसमें राहुल गांधी तो शामिल हुए थे, लेकिन टीएमसी का कोई सांसद नहीं पहुंचा था।
क्या चाहती है टीएमसी?
दरअसल तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि सदन में मंहगाई, बेरोजगारी, किसान, उर्वरक, विपक्षी राज्यों को मिलने वाले पैसे में कटौती और मणिपुर जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा हो। वहीं कांग्रेस चाहती है कि अदाणी मुद्दे पर ही चर्चा हो। कांग्रेस के रूख से सपा भी किनारा करती दिख रही है। वहीं अन्य विपक्षी दल भी चाहते हैं कि किसान, संभल और मणिपुर जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो। यानि विपक्षी दलों में टीएमसी का रुख साफ है कि संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा हो, कमोबेश ऐसा ही कुछ समाजवादी पार्टी भी चाहती है।
सपा का क्या कहना है?
सपा सांसदों ने आज लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और संभल मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया। सपा नेताओं के अनुसार अदाणी का मुद्दा संभल जितना बड़ा नहीं है। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि हमारे लिए अदाणी से बड़ा मुद्दा किसान हैं। यानि कांग्रेस भले ही अदाणी की रट लगाए बैठी हो, मगर विपक्ष के कई दल और भी मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं। सपा की सांसद इकरा हसन ने कहा, ‘अदाणी मुद्दे पर चर्चा महत्वपूर्ण है। हालांकि, चूंकि पांच लोगों की मौत हो गई है, इसलिए संभल समाजवादी पार्टी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला मुद्दा बन गया है।’
रेणुका चौधरी के बयान पर भी बवाल
इस बीच कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के एक बयान पर विवाद हो गया है। चौधरी ने कहा, ‘हमारी तरफ से कोशिश है कि सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चले क्योंकि जनता ने हमें चुनकर संसद भेजा है और वे चाहते हैं कि हम उनकी आवाज को यहां बुलंद करें।अगर सरकार सदन चलाना चाह रही है तो चलेगा, अगर वह नहीं चलाना चाह रही है तो नहीं चलेगा। सब समझते है कि ये षडयंत्र क्या है।’ चौधरी ने कहा कि सदन चलाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है बल्कि कुर्सी पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी है। अगर वे लायक हैं तो चलाएंगे, नालायक हैं तो नहीं चलाएंगे।
कांग्रेस सांसद ने यह दी सफाई
अदाणी मामले चल रहे विरोध में टीएमसी के शामिल ना होने पर कांग्रेस राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन ने कहा, ‘जो मुद्दे हम सबने तय किए थे उन पर हम चाहते हैं कि बात हो। इसके लिए हम आने वाले समय में और बात करेंगे। हम चाहते हैं सदन चले और बात हो। बांग्लादेश के मुद्दे पर भी बात होनी चाहिए। वहां अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए।’
विपक्ष के प्रदर्शन पर भाजपा ने साधा निशाना
अदाणी मामले पर संसद में इंडिया गठबंधन के विरोध में टीएमसी के शामिल नहीं होने पर भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘आप गठबंधन की स्थिति देख सकते हैं। कभी टीएमसी गायब है तो कभी आम आदमी पार्टी गायब है। कांग्रेस जहां भी लोगों के पास जाती है, जनता उन्हें वहां ठुकरा देती है। कांग्रेस के पास अब सिर्फ एक जगह है- संसद का गेट या फिर सदन नहीं चलने देना। यही कांग्रेस का एजेंडा है। कोई नहीं जानता कि टीएमसी कब और कहां जाएगी। ममता बनर्जी चाहती थीं कि मल्लिकार्जुन खरगे इस गठबंधन का चेहरा बनें। उन्होंने उन्हें देश का पीएम बनने का प्रस्ताव दिया था। वही मल्लिकार्जुन खरगे के स्पष्ट आह्वान में अब टीएमसी शामिल नहीं है। अब यह सब नाटक है। वे लोकतंत्र की मर्यादा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *