ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश में एक अल्पसंख्यक समूह ने हिंदू संत और सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को जल्द रिहा करने की मांग की है। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (BHBCOP) ने रविवार को मांग करते हुए कहा कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला ‘झूठा’ है और केवल ‘उत्पीड़न के उद्देश्य से’ किया गया है।
इस्कॉन के सदस्य रह चुके दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। उन पर देश के झंडे का कथित रूप से अपमान करने के लिए देशद्रोह का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद चटगांव की एक अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इस मामले की सुनवाई अब अगले साल दो जनवरी को होनी है।
राजद्रोह की ‘झूठे’ मुकदमें
प्रोथोम अलो समाचार पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (BHBCOP) ने एक बयान जारी कर चिन्मय की तत्काल रिहाई की मांग की है। BHBCOP के कार्यवाहक महासचिव मनिंद्र कुमार नाथ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दास सहित 19 लोगों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले झूठे हैं और सिर्फ उनका उत्पीड़न करने के लिए ऐसा किया गया है। खबरों के मुताबिक ऐसे मामलों में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की रिहाई की मांग की गई है। साथ ही अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भी अल्पसंख्यक संगठन मांग कर रहा है।
बांग्लादेश में हिंदू नेताओं की गिरफ्तारी
बांग्लादेश में हिंदू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने वाले नेताओं और संगठनों के नेताओं के खिलाफ आंतरिक प्रशासन ने कार्रवाई की है। जिसमें ISKCON ट्रस्ट के लोग भी शामिल हैं। हिंदू संगठनों के खिलाफ बांग्लादेश की कार्रवाई के खिलाफ भारत ने सख्त आलोचना की है, साथ ही पड़ोसी देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई है।
बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तार का विरोध, अल्पसंख्यक समूह ने की तुरंत रिहाई की मांग
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