नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के आरोपी आशीष मिश्र को देश की सर्वोच्च अदालत ने बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी है। मिश्र पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। उन्हें एक हफ्ते के लिए लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दी गई है। इस पूरे मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है।
अदालत ने कितने दिन की दी है इजाजत
आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू ने अपनी बेटी की परीक्षा का हवाला देकर लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी थी।उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए आशीष को 25 दिसंबर से एक जनवरी 2026 तक लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी है।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की शर्तों के मुताबिक आशीष मिश्रा को लखीमपुरखीरी जाने की इजाजत नहीं है।सुप्रीम कोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान इस मामले में पीड़ितों ने अदालत में शिकायत की थी कि आशीष मिश्रा सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है।उनका कहना था कि आशीष मिश्रा ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर लखीमपुर खीरी में पब्लिक रैली की है। कोर्ट ने इस पर आशीष मिश्रा के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।
यह घटना किसान आंदोलन के दौरान तीन अक्तूबर 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई थी। आरोपी आशीष मिश्र ने प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी थी। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हुई हिंसा में चार और अन्य लोग मारे गए थे। इस घटना को लेकर किसानों ने लंबा आंदोलन चलाया था। इसके बाद प्रशासन और किसान संगठनों के बीच एक समझौता हुआ था।
किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के आरोपी आशीष मिश्रा जाएंगे लखीमपुर खीरी, सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर दी इजाजत

