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14 Dec 2025, Sun

आसिम मुनीर का प्रमोशन, पाकिस्तान में कम हो गए प्रधानमंत्री के ये 5 पावर

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अब और ताकतवर हो गए हैं। सरकार ने मुनीर को एक साथ चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) बना दिया है। दोनों पदों का कार्यकाल सीधा 5 साल हो गया है। राष्ट्रपति ने मंजूरी दी, लेकिन समरी भेजी थी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने।
फैसला भले पीएम की तरफ से आया हो, लेकिन इसकी असली वजह वह संविधान संशोधन है जिसने प्रधानमंत्री की कई परंपरागत शक्तियां छीन लीं और पाकिस्तान की बागडोर अब पहले से कहीं ज्यादा सेना के हाथों में सौंप दी है। यहां आइए समझते हैं वे 5 बड़े पावर, जो शहबाज शरीफ और भविष्य के हर प्रधानमंत्री के हाथ से निकल गए हैं।
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1- परमाणु हथियारों की कमान अब पीएम से निकलकर सेना को
27वें संवैधानिक संशोधन ने पाकिस्तान में नेशनल स्ट्रैटजिक कमांड (NSC) नाम की नई संस्था बनाई है। पहले नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) प्रधानमंत्री की अगुआई में परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम का कंट्रोल करती थी। अब यह अधिकार सीधे NSC के पास है और उसके कमांडर की नियुक्ति भी होगी CDF की सिफारिश पर। यानी एटमी ताकत पर प्रधानमंत्री की सीधी पकड़ खत्म। कई जानकारों का कहना है कि आसिम मुनीर अपनी ताकत दिखाने के लिए भारत के साथ तनाव जरूर बढ़ाने की कोशिश करेंगे।
2- दो-दो सुपर पावर पोस्ट एक ही अफसर के पास, PM का दखल घटा
पहली बार पाकिस्तान में कोई अधिकारी CDF + COAS दोनों बन गया है। इसका सीधा मतलब हुआ कि सेना की रणनीति, ऑपरेशन, नीति सब कुछ एक ही व्यक्ति कंट्रोल करेगा और वह व्यक्ति है आसिम मुनीर। जहां पहले दो अलग-अलग पदों से शक्ति बंटती थी, अब पूरा सैन्य ढांचा एक ही छतरी के नीचे आ गया है। PM की भूमिका औपचारिक रह गई।
3- अब उप-सेना प्रमुख भी CDF की मर्जी से
नए बिल में साफ लिखा है वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और डेप्यूटी चीफ की नियुक्ति अब फेडरल गवर्नमेंट करेगी, लेकिन CDF की सिफारिश पर। पहले ये पोस्ट प्रधानमंत्री की सलाह पर तय होते थे। अब सेना प्रमुख ही सेना के अंदर अपनी टीम खुद चुनेंगे। PM केवल दस्तखत करेंगे।
4- सामरिक फैसलों में PM का रोल बेहद सीमित
नेशनल स्ट्रैटजिक कमांड के कमांडर जो परमाणु रणनीति से लेकर मिसाइल तैनाती तक सब कुछ देखते हैं की नियुक्ति, री-अपॉइंटमेंट और एक्सटेंशन भी CDF की सिफारिश पर होगी। और सबसे बड़ी बात इस नियुक्ति पर कोई कोर्ट केस भी नहीं किया जा सकता। यानी सामरिक फैसलों पर प्रधानमंत्री की पकड़ सिर्फ नाम मात्र रह गई है।
5- सेना का शीर्ष ढांचा PM के ऊपर
नए संशोधन में कहा गया है कि CDF की जिम्मेदारियां सरकार सीमित नहीं कर सकती। फील्ड मार्शल और मार्शल ऑफ एयर फोर्स आजीवन पद होंगे। टॉप पोस्ट (CDF, फील्ड मार्शल आदि) को राष्ट्र नायक का दर्जा और राष्ट्रपति जैसी इम्युनिटी मिलेगी PM इन्हें हटाने या बदलने में सक्षम नहीं होंगे। यानी सेना के शीर्ष पद अब प्रधानमंत्री के नियंत्रण से बाहर जा चुके हैं।

By Aryavartkranti Bureau

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