नई दिल्ली, एजेंसी। विमानन की दुनिया की दिग्गज अमेरिकी कंपनी बोइंग को एक बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के डिफेंस विंग के लगभग 3,200 कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। ये कर्मचारी लड़ाकू विमान स्न-35 समेत कई अन्य महत्वपूर्ण सैन्य विमानों का निर्माण करते हैं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, यह हड़ताल सेंट लुइस, सेंट चार्ल्स (मिसौरी) और मस्काउटा (इलिनोइस) स्थित बोइंग संयंत्रों में हुई है। कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली ‘इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मशीनिस्ट्स एंड एयरोस्पेस वर्कर्स यूनियन’ ने बताया कि कर्मचारी कंपनी द्वारा प्रस्तावित चार-वर्षीय श्रम समझौते से खुश नहीं थे। वेतन, काम के घंटे (वर्क शेड्यूल) और पेंशन से जुड़े प्रस्तावों को खारिज करते हुए कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यूनियन ने एक पोस्ट में कहा, बोइंग के 3,200 उच्च-कुशल सदस्य आधी रात को हड़ताल पर चले गए, क्योंकि अब बहुत हो चुका है।
वहीं, कर्मचारियों के इस कदम पर बोइंग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी की एयर डोमिनेंस यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट डैन गिलियन के अनुसार, कर्मचारियों को वेतन में औसतन 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे दुर्भाग्यवश यूनियन ने ठुकरा दिया। कंपनी का दावा है कि इस हड़ताल से कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि बोइंग कंपनी इन दिनों कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें विमानों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे और हाल के दिनों में हुए विमान हादसे प्रमुख हैं। पिछले साल भी कंपनी को एक लंबी हड़ताल का सामना करना पड़ा था, जो करीब 8 हफ्तों तक चली थी और इससे कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ था।
दिग्गज कंपनी बोइंग को तगड़ा झटका! लड़ाकू विमान बनाने वाले 3,200 कर्मचारी हड़ताल पर, उत्पादन पूरी तरह ठप
