ओटावा। भारत-कनाडा के राजनयिक विवाद के बीच कनाडा सरकार ने भारत पर नए आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के तहत ट्रूडो सरकार ने दावा किया है कि कनाडा की धरती पर गंभीर आपराधिक गतिविधियों में भारत सरकार सीधे तौर पर शामिल है। गौरतलब है कि इन आरोपों में कनाडा की सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम लिया है और कहा है कि कनाडा में मौजूद भारतीय एजेंट्स लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर खालिस्तान समर्थकों को निशाना बना रहे हैं। हालांकि कनाडा की सरकार ने अपने इन दावों के पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं किया। कनाडा सरकार के लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर ये आरोप ऐसे समय सामने आए हैं, जब भारत में भी एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में इस गैंग की संलिप्तता की चर्चा है। सोमवार देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने दावा किया कि पिछले साल कनाडा में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और अन्य संबंधित मामलों की जांच में कनाडा में हत्याओं और हिंसा की घटनाओं में भारतीय सरकार के एजेंट्स के जुड़े होने का पता चला है। इससे पहले कनाडा सरकार ने आरोप लगाया कि कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिक निज्जर की हत्या की जांच में संदिग्ध हैं।
कनाडा पुलिस ने अपने दावे में कहा कि, ‘सबूत दर्शाते हैं कि कनाडा और विदेशों में कई तरह के संगठनों का इस्तेमाल भारत सरकार के एजेंट्स द्वारा सूचना एकत्र करने के लिए किया गया है। इनमें से कुछ व्यक्तियों को भारत सरकार के लिए काम करने के लिए मजबूर किया गया और धमकाया गया। भारत सरकार के लिए एकत्र की गई सूचना का इस्तेमाल दक्षिण एशियाई समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।’
कनाडा पुलिस ने बिश्नोई गैंग का सार्वजनिक तौर पर लिया नाम
पुलिस अधिकारियों से पूछा गया कि क्या भारतीय एजेंट्स द्वारा विशेष रूप से सिख समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है? इस पर, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौविन ने कहा कि ‘इन समूहों द्वारा दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन ‘वे विशेष रूप से कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों को निशाना बना रहे हैं’। गौविन ने कहा, ‘हमारी जांच में पाया गया कि वे संगठित अपराध तत्वों का उपयोग करते हैं। इसमें खास तौर पर एक संगठित अपराध समूह – बिश्नोई गैंग शामिल है।’ कनाडा पुलिस ने दावा किया कि ‘हमारा मानना है कि यह समूह भारत सरकार के एजेंट्स से जुड़ा हुआ है।’ ।