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22 Jun 2025, Sun

दोस्त तुर्किए को भी नहीं छोड़ रहा चीन, एर्दोआन की लंका लगाने के लिए लगा दिए 7 जासूस

बीजिंग। चीन जिस देश तुर्किए अपना दोस्त बताता है उसी के खिलाफ खुफिया साजिश भी रच रहा है। दरअसल तुर्किए की नेशनल इंटेलिजेंस ऑर्गेनाइजेशन (MIT) ने सात चीनी जासूसों के एक हाई-टेक साइबर जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है। ये जासूस घोस्ट बेस स्टेशन यानी फर्जी मोबाइल टावर लगाकर न केवल सरकारी अफसरों, बल्कि तुर्की में रह रहे उइगर मुस्लिमों की जासूसी कर रहे थे। MIT ने इन सभी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
CNN Turk के मुताबिक, MIT को चीन से आए कुछ संदिग्धों की गतिविधियों पर शक हुआ था। जांच में सामने आया कि ये सातों चीनी नागरिक तुर्की में घोस्ट बेस स्टेशन जैसी डिवाइसें चुपचाप ला रहे थे। इन उपकरणों की मदद से वे लोगों की मोबाइल बातचीत, लोकेशन डेटा और निजी जानकारी चुरा रहे थे।
कैसे लाई गई फर्जी डिवाइसें देश में?
MIT की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। जासूसी उपकरणों को तुर्किए में एक साथ लाना मुश्किल था, इसलिए इन्हें पार्ट्स में तस्करी करके लाया गया। पहला व्यक्ति एंटीना लाता है, दूसरा बैटरी, तीसरा कोई और पार्ट। चार लोग सिर्फ ये उपकरण देश में लाने के लिए इस्तेमाल किए गए। जैसे कोई प्रोफेशनल खुफिया एजेंसी काम करती है, वैसे ही इन लोगों ने तैयारी की थी।
MIT की जांच में सामने आया कि ये चीनी जासूस केवल इस्तांबुल तक सीमित नहीं थे। ये लोग तुर्किए के पांच शहरों — इस्तांबुल, इज़मिर, मनिसा, बालिकेसिर और बुरसा में सक्रिय थे। गिरफ्तार हुए जासूसों के नाम हैं झेन्हुआ लियू, वू झियॉन्ग, वू रेंजुन, शिओन्गक्यांग शिआओ, झुओवेई क्यू, मा शियूपिंग और डेयुआन जू।
कैसे हुआ खुलासा?
जांच की शुरुआत तब हुई जब मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के कई ग्राहकों ने शिकायत की कि उन्हें सरकारी एजेंसियों या कंपनियों के नाम से फर्जी SMS मिल रहे हैं। MIT ने इन SMS का तकनीकी विश्लेषण किया और पाया कि इन्हें फर्जी मोबाइल टावरों की मदद से भेजा गया था। इसी कड़ी में जांच आगे बढ़ी और जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ।
MIT को जांच में पता चला कि जासूसों ने तीन ग्रुप में काम करते हुए लोगों की बातचीत और मोबाइल डेटा इंटरसेप्ट किया। ये सारा डेटा एक चीन स्थित सर्वर पर भेजा गया। इसके बाद एक विदेशी ऐप की मदद से यूजर्स को टारगेट कर फिशिंग अटैक किए गए यानी नकली लिंक भेजकर क्रेडिट कार्ड की जानकारी ली गई और फ्रॉड पेमेंट कराए गए।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।