आजकल बहुत से लोग किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने के लिए दवा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, जब भी हम दवा लेते हैं, तो हममें से कई लोगों के मन में यह शंका होती है कि दवा ठंडे पानी के साथ लेनी चाहिए या गुनगुने पानी के साथ, यह सवाल लगभग सभी के मन में आता है। कुछ लोग बिना सोचे-समझे ठंडे पानी के साथ दवा ले लेते हैं, तो कुछ लोग गुनगुने पानी का इस्तेमाल करते हैं। बहरहाल, आज इस खबर में विशेषज्ञों से जानें कि दवा कैसे लेनी चाहिए और यह स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है।।।
दवा की प्रकृति को समझना महत्वपूर्ण है
हम आमतौर पर दवाइयां टैबलेट, कैप्सूल, सिरप या सस्पेंशन के रूप में लेते हैं। चाहे किसी भी रूप में ली जाए, शरीर में हर प्रकार की दवा का अवशोषण अलग-अलग होता है। इसलिए, विशेषज्ञ दवा की प्रकृति के अनुसार दवा लेने की सलाह देते हैं। दवा की प्रकृति ही यह निर्धारित करती है कि उसे किस तापमान पर लेना चाहिए।
एक गलती जो बहुत से लोग करते हैं
कई लोग ठंडे पानी के साथ दवाइयां लेकर बहुत बड़ी गलती कर देते हैं। आपको बता दें, जब हम दवाइयां लेते हैं तो वो पेट की बायोलॉजिकल मेम्ब्रेन में अवशोषित हो जाती हैं। ऐसे में दवाइयों में मौजूद तत्वों के अच्छे से अवशोषित होने के लिए पेट के इंटरनल एनवायरमेंट, जिसमें पेट और आंतों का तापमान भी शामिल है, का सही होना बहुत जरूरी है। जब लोग ठंडे पानी के साथ दवाइयां लेते हैं तो इससे शरीर का आंतरिक तापमान कम हो जाता है। इससे दवाइयों की घुलनशीलता कम हो जाती है। जब लोग ठंडे पानी के साथ दवाइयां लेते हैं तो शरीर ली गई दवा के प्रोसेस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है और अपनी सारी एनर्जी पानी के तापमान को सामान्य करने में खर्च कर देता है। ऐसे में बता दें कि ठंडे पानी के साथ दवाइयां लेने से दवाइयों का असर कम हो जाता है।
क्या ठंडे पानी के साथ दवा लेना हानिकारक है?
ठंडे पानी के साथ दवा लेने के नुकसान जानने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। इसके नुकसान को साबित करने के लिए पर्याप्त प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन ठंडे पानी के साथ दवा लेने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि आमतौर पर इंजेक्शन की तुलना में दवा की सामग्री को आवश्यक स्थान तक पहुंचने में अधिक समय लगता है। दवाइयों के अवशोषित होने से पहले, ठंडे पानी को शरीर के तापमान पर लाना आवश्यक है। यह प्रोसेस दवाइयों के अवशोषण में और देरी करती है।
सर्दी या गले में खराश
गले में खराश, खांसी या सर्दी होने पर डॉक्टर आमतौर पर गुनगुने पानी से गरारे करने और दवा लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि गुनगुने पानी गले को आराम देता है और दवा लेना आसान बनाता है, जबकि ठंडा पानी गले में जलन और बेचैनी पैदा कर सकता है। कुछ दवाएं गुनगुने पानी के साथ लेने पर तेजी से असर करती हैं।
दवा लेने का सही तरीका क्या है?
दवा लेने के लिए सादा या कमरे के तापमान वाला पानी (गुनगुना पानी) पीना आमतौर पर सबसे अच्छा ऑप्शन है, क्योंकि यह दवा के अवशोषण में मदद करता है और शरीर के लिए सौम्य होता है, जबकि अत्यधिक ठंडा पानी कुछ दवाओं के असर को धीमा कर सकता है। हम अक्सर डॉक्टरों को गुनगुना पानी या सादे पानी के साथ दवा लेने की सलाह देते सुनते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुनगुने पानी के साथ दवा लेने से यह पेट में आसानी से घुल जाती है और आपके पेट और आंतों में पर्याप्त गर्मी बनी रहती है। इससे दवा का अवशोषण भी बेहतर होता है। साथ ही, दवा जल्दी असर दिखाने लगती है।
ध्यान रहें, गुनगुने पानी के साथ दवा लेना सभी दवाओं के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है, विशेष रूप से उन दवाओं के लिए जिन्हें धीमी गति से अवशोषित करने की आवश्यकता होती है।
डिस्क्लेमर : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से विशेषज्ञ राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें। आर्यावर्त क्रांति इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।