ढाका, एजेंसी। शेख हसीना के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बिगड़ते ही जा रहे हैं. बांग्लादेश के गठन के बाद से उसके भारत के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन अब इनमें मतभेद आ गए हैं। बांग्लादेश की यूनुस सरकार पाकिस्तान और चीन की ओर झुकती जा रही है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी BNP के नेता ने भारत के सामने तीन शर्तें रखी हैं। बांग्लादेश नेशनल पार्टी के जनरल सेक्रेटरी मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने सोमवार को कहा कि अगर भारत बांग्लादेश के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है, तो उसको इन तीन शर्तों को मानना होगा।
कौन सी हैं वे तीन शर्ते?
फखरुल ने लालमोनिरहाट में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हम भारत को यह साफ कर देना चाहते हैं कि यदि आप बांग्लादेश के लोगों के साथ संबंध बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको तीस्ता नदी के पानी में हमारा पूरा हिस्सा देना होगा, सीमा पर हमारे लोगों पर गोलीबारी बंद करनी होगी और हमारे प्रति बड़े भाई का रवैया छोड़ना होगा।”
अपने पैरों पर खड़ा होगा बांग्लादेश – फखरुल
फखरुल ने ये भी कहा कि बांग्लादेश अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है और भारत के पड़ोसी देश के रूप में अपने सभी अधिकारों और हिस्सेदारी को महसूस करना चाहता है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि बांग्लादेश के लोग निश्चित रूप से भारत के साथ दोस्ती वाले रिश्ते बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन यह रिश्ता गरिमा पर आधारित होना चाहिए, जिसमें सभी बराबरी और उचित हिस्सेदारी को मान्यता दी जानी चाहिए।
भारत को बेचा बांग्लादेश
उन्होंने शेख हसीना पर निशाना साधते हुए कहा कि कई लोगों को उम्मीद थी कि 2009 में अवामी लीग के सत्ता में आने के बाद भारत बांग्लादेश के लिए तीस्ता का पानी सुनिश्चित करेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, अवामी लीग ने बांग्लादेश को भारत को बेच दिया, लेकिन पानी की एक बूंद भी हासिल नहीं हुई।