अचानक और बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना, वास्तव में एक गंभीर स्वास्थ्य चेतावनी हो सकती है। कई बार लोग वजन कम होने को गलतफहमी में अच्छी फिटनेस का संकेत मान लेते हैं। यदि आप अपनी डाइट, व्यायाम या जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं, फिर भी आपका वजन तेजी से घट रहा है, तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। यह किसी अंदरूनी शारीरिक समस्या का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
यदि आपका वजन अनायास ही अपने सामान्य वजन का 5-10% या उससे अधिक कम हो रहा है, तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें। यह शरीर का एक महत्त्वपूर्ण संदेश है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। आइए इस लेख में हम ऐसी चार प्रमुख बीमारियों के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिनके लक्षणों में तेजी से वजन घटना शामिल है।
टाइप-1 डायबिटीज
टाइप-1 डायबिटीज में शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है और शरीर फैट और मांसपेशियों को ऊर्जा के लिए तोड़ने लगता है। इससे वजन तेजी से घटता है। अन्य लक्षणों में अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब और थकान शामिल हैं। रक्त शर्करा की नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से इंसुलिन थेरेपी शुरू करें। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, साथ ही संतुलित आहार लें और दिनचर्या में नियमित व्यायाम शामिल करें।
हाइपरथायरायडिज्म
थायराइड ग्रंथि का अति सक्रिय होना (हाइपरथायरायडिज्म) मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे वजन तेजी से कम होने लगता है। इसके साथ घबराहट, असहनीय गर्मी होना, और इन्सोम्निया जैसे लक्षण दिखते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर थायराइड फंक्शन टेस्ट (TSH, T3, T4) कराएं। डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें।
कैंसर
कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे फेफड़े, अग्न्याशय या पेट का कैंसर, अनायास वजन घटने का कारण बन सकते हैं। कैंसर कोशिकाएं शरीर की ऊर्जा का उपयोग करती हैं और भूख कम करती हैं। अन्य लक्षणों में थकान, दर्द और पाचन समस्याएं शामिल हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत ऑन्कोलॉजिस्ट से संपर्क करें और स्क्रीनिंग टेस्ट (जैसे CT स्कैन, बायोप्सी) कराएं।
क्रोनिक डायरिया या आंतों की बीमारियां
क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस या सेलियक रोग जैसी आंतों की बीमारियां पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकती हैं, जिससे वजन कम होता है। बार-बार दस्त, पेट दर्द और थकान इसके प्रमुख लक्षण हैं। ये लक्षण दिखने पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से सलाह लें और ग्लूटेन-मुक्त या फाइबर युक्त आहार डाइट में शामिल करें। नियमित जांच और दवाएं जरूरी हैं।