नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की अध्यक्षता की। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ दलीय नेता बैठक में उपस्थित हैं। बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, सांसद राजीव शुक्ला और सांसद अभिषेक मनु सिंहवी सहित अन्य नेता भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी बैठक में मौजूद थे, जबकि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही हैं। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद हुए ढाई साल के नेतृत्व परिवर्तन समझौते को पूरा करने पर अड़े हुए हैं। डीके शिवकुमार को समिति की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने पहले कहा था, ‘मुझे पता है कि दो-तीन मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। लेकिन उपमुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं किया गया है।’
राहुल ने कहा- मनरेगा सिर्फ योजना नहीं थी। मनरेगा राइट बेस्ड कॉन्सेप्ट था। यानी इससे देश के करोड़ों लोगों को मिनिमम वेज (न्यूनतम आय) मिलती थी। मनरेगा बंद करना डायरेक्ट राइट बेस्ड के कॉन्सेप्ट पर आक्रमण है। ये जो पैसा लिया जा रहा है, वो राज्यों से छीनकर केंद्र सरकार ले रहा है। ये पावर और फाइनेंस का कान्ट्रैक्शन है। ये फैसला सीधे पीएम हाउस से लिया गया है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी पार्टी के साथ अपने उतार-चढ़ाव भरे संबंधों के बावजूद बैठक में मौजूद थे। हाल के दिनों में, थरूर कांग्रेस की बैठकों में अनुपस्थित रहने और रामनाथ गोयनका व्याख्यान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की प्रशंसा करने के कारण सुर्खियों में रहे हैं। विदेश में व्यस्त होने के कारण उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली में भाग नहीं लिया। थरूर लोकसभा विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस सांसदों की बैठक में भी अनुपस्थित रहे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, थरूर ने अपनी अनुपलब्धता के बारे में पार्टी को पहले ही सूचित कर दिया था, और एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता और चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी भी बैठक में शामिल नहीं हुए। शशि थरूर की टाइमलाइन के अनुसार, वे कोलकाता में प्रभा खैतान फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में थे। इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केशवन ने सवाल उठाया था कि क्या पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की विफलता और उनके ‘विनाशकारी वोट चोरी अभियान’ के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराएगी।
कांग्रेस की ‘इंदिरा भवन’ में सीडब्ल्यूसी की अहम बैठक: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोले- मोदी को गांधी सरनेम से दिक्कत

