वॉशिंगटन, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सबसे लंबे विदेश दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरे के दौरान वह 5 देशों का दौरा करेंगे। शुरुआत घाना से करेंगे और फिर इसके बाद त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया भी जाएंगे। पीएम जिन 5 देशों के दौरे पर जा रहे हैं उसमें एक देश ऐसा भी है जहां पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर तीनों अहम पदों पर भारतीय मूल के लोगों का कब्जा है। वहां पर राजनीतिक जगत में भारतीय मूल का खासा दबदबा भी माना जाता है।
बात कर रहे हैं त्रिनिदाद और टोबैगो की। इस कैरेबियाई देश का भी पीएम मोदी दौरा करने वाले हैं। घाना 2 दिन रुकने के बाद वह त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 1999 के बाद यह पहली त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा है। फरवरी 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पोर्ट ऑफ स्पेन का दौरा किया था।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही वकील
26 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का त्रिनिदाद और टोबैगो जाना इस मायने में बेहद खास है क्योंकि 15 लाख से थोड़े अधिक आबादी वाले इस छोटे से देश में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही अहम पदों पर महिला नेता विराजमान हैं। साथ ही ये दोनों नेता भारतवंशी भी हैं। पीएम मोदी प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर के निमंत्रण पर त्रिनिदाद के दौरे पर जा रहे हैं।
त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू भारतीय मूल की नेता और वकील हैं। वह देश की 7वीं राष्ट्रपति हैं और इस पद पर 2023 से काबिज हैं। इससे पहले वह त्रिनिदाद और टोबैगो के सीनेट की प्रमुख रही हैं। वह देश की अकेली ऐसी नेता हैं जो त्रिनिदाद और टोबैगो संसद के ऊपरी सदन सीनेट की प्रमुख और उपप्रमुख दोनों रही हैं।
दुनिया में पहली भारतीय मूल की महिला PM
20 मार्च 2023 को त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति पद संभालने वाली क्रिस्टीन देश की दूसरी महिला नेता हैं। वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति पाउला मेई वीक्स को हटाकर राष्ट्रपति बनी हैं। उन्होंने वकालत के क्षेत्र में कामयाबी हासिल करने के बाद साल 2001 में राजनीति के मैदान में पहली कामयाबी हासिल की और सांसद चुनी गई थीं। क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने साल 2018 में अपने पति के साथ ईसाई धर्म (रोमन कैथोलिक) अपना लिया था। वह कार्लाइल और बारबरा कंगालू की बेटी हैं। उनका नंबर 7 बच्चों में से पांचवां हैं।
क्रिस्टीन कार्ला कंगालू के अलावा कमला प्रसाद-बिसेसर भी देश की प्रमुख राजनीतिक हस्ती हैं और यहां की प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वह 1 मई 2025 को इस पद पर काबिज हुईं।
कमला प्रसाद-बिसेसर के माता-पिता दोनों हिंदू
कमला प्रसाद-बिसेसर का पूरा नाम कमला सुशीला प्रसाद बिसेसर है। वह भी राजनीति में आने से वकालत कर चुकी हैं। राष्ट्रपति क्रिस्टीन की तरह कमला प्रसाद-बिसेसर ने भी एलएलबी की पढ़ाई की है। कमला दूसरी बार त्रिनिदाद एंड टोबैगी की प्रधानमंत्री बनी हैं। इससे पहले वह साल 2010 में पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं और 2015 तक पद पर रही थीं। वह देश की कद्दावर नेताओं में शुमार की जाती हैं।
प्रधानमंत्री बनने के अलावा वह 3 बार विपक्ष की नेता भी रही हैं। कमला प्रसाद-बिसेसर 26 मई 2010 में जब त्रिनिदाद एंड टोबैगी की प्रधानमंत्री बनीं तो वह दुनिया में किसी देश की महिला प्रधानमंत्री बनने वाली भारतीय मूल की पहली महिला नेता बनी थीं। तब वह 5 साल तक पद पर रही थीं, करीब 10 साल के इंतजार के बाद वह मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री चुनी गई हैं।
मई 1845 में पहली बार पहुंचे थे भारतीय
कमला प्रसाद-बिसेसर के माता-पिता दोनों ही भारतीय मूल के हिंदू ब्राह्मण थे। देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पद पर भारतीय मूल के 2 महिलाओं के काबिज होने के अलावा यहां की संसद के स्पीकर भी भारतीय मूल के नेता जगदेव सिंह हैं। जगदेव सिंह ने भी वकालत की है। वह भी कमला प्रसाद की तरह इसी साल संसद के निचले सदन के स्पीकर चुने गए हैं। देश की 13वीं संसद के गठन के बाद जगदेव सिंह 23 मई को स्पीकर बने।
भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच संबंध बहुत पुराने हैं। त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय प्रवासियों के आगमन की इस साल 180वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 30 मई, 1845 को 225 भारतीय गिरमिटिया मजदूरों को लेकर पहला जहाज त्रिनिदाद के तट पर पहुंचा। तब से लेकर लगातार भारतीय लोग वहां ले जाए गए। अब वहां 42 फीसदी से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं।