भारत तरक्की की पटरी पर तेजी से रफ्तार भर रहा है। इस बात की गवाही दुनिया में बढ़ती इंडिया की पैठ के साथ-साथ आईएमएफ और विश्व बैंक की रिपोर्ट में सामने आती है। आरबीआई भी अपनी रिपोर्ट में यह साफ कर चुका है कि आने वाला साल इंडिया की ग्रोथ विक्ट्री का है। अब कारोबारियों का भरोसा भी बढ़ता दिख रहा है।
कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) कारोबारी भरोसा इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान दो तिमाही के उच्चस्तर 68।2 पर पहुंच गया। सीआईआई ने लोकसभा चुनावों के बाद अपने पहले सर्वेक्षण में कहा कि उद्योग जगत नीतिगत मोर्चे पर निरंतरता से उत्साहित है।
सीआईआई कारोबारी परिदृश्य सर्वेक्षण का 128वां दौर सितंबर, 2024 में आयोजित किया गया था, जिसमें सभी उद्योग क्षेत्रों में अलग-अलग आकार की 200 से अधिक फर्मों को शामिल किया गया। इंडस्ट्री रेगुलेटरी ने कहा कि आम चुनावों के बाद आर्थिक गति में तेजी आई है। सीआईआई ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि अच्छी रही है, साथ ही आगामी त्योहारी सत्र के लिए वृद्धि के अच्छे संकेत मिल रहे हैं।
इस बात पर चिंता जता रहे कारोबारी
रिपोर्ट में आगाह किया गया कि वैश्विक परिदृश्य में अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे उभरती आर्थिक स्थितियों पर सावधानीपूर्वक नजर रखने की जरूरत है। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने कुछ छोटी-मोटी व्यावसायिक चिंताओं को उजागर किया है, जिनमें लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक जिंस कीमतों में उछाल और बाहरी मांग में कमी प्रमुख हैं। हालांकि इस बीच भारतीय व्यापारी तेजी से एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो एक्सपोर्ट के मामले में वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत शानदार रही थी। अप्रैल 2024 में देश का टोटल एक्सपोर्ट (वस्तु और सर्विसेस ) 6।88 प्रतिशत बढ़ गया था। इस साल अप्रैल में देश से कुल 64।56 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ है, जबकि पिछले साल अप्रैल में ये आंकड़ा महज 60.40 अरब डॉलर था। अगर सिर्फ वस्तुओं के निर्यात को देखें तो इस साल अप्रैल में ये 1.08 प्रतिशत बढ़कर 34.99 अरब डॉलर रहा है। पिछले साल इसी महीने में यह 34.62 अरब डॉलर था। इसी तरह अप्रैल में सर्विसेस का एक्सपोर्ट 29.57 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. अप्रैल 2023 में यह 25.78 अरब डॉलर था।