नई दिल्ली। केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह 7 बजे खुल गए हैं। चारधाम यात्रा 30 अप्रैल, अक्षय तृतीया के दिन से शुरू हो गई है। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल चुके हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। अनुमान के मुताबिक अगर मौसम अच्छा रहा, तो जून से अगस्त के बीच 25 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ दर्शन के लिए आ सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि केदारनाथ के कपाट खुलने से पहले ही भक्त 1 मई की रात से ही बाबा के दर्शन करने के लिए कतार में खड़े हैं। भक्तों को इंंतजार से बचाने के लिए इस बार दर्शन करने के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था भी की गई है।
ढोल-नगाड़ों के साथ खुले केदारनाथ के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे पूरे विधि-विधान के साथ खुल चुके हैं। इस शुभ अवसर पर भक्त बाबा केदार के दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में जयकारों और ढोल-नगाड़ों की आवाज से माहौल भक्तिमय हो जाता है। इस साल मंदिर को इस बार खास तरीके से सजाया गया है। ऋषिकेश, गुजरात से आई पुष्प समिति ने मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया है। यह नज़ारा बहुत ही सुंदर है।-बिरंगे फूलों की खुशबू और सुंदरता से केदारनाथ और भी दिव्य लग रहा है।
केदारनाथ के कपाट खोलने के समय इस परंपरा को निभाया जाता है
केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने का समय और तरीका पुरानी परंपराओं के अनुसार तय किया जाता है। जब मंदिर के कपाट खुलते हैं, तो मंदिर परिसर में मौजूद भक्त खुशी से ‘बाबा केदारनाथ का जयकारा’ लगाते हैं। कपाट खुलने के दौरान ढोल और नगाड़े बजाए जाते हैं। यह एक उत्सव जैसा माहौल होता है। इसके बाद, भक्तों को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने की अनुमति मिल जाती है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद, भक्त विधि-विधान से बाबा केदारनाथ की पूजा करते हैं।
भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टोकन सिस्टम
केदारनाथ में भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन, पुलिस और पर्यटन विभाग ने मिलकर टोकन प्रणाली बनाई है। इस प्रणाली के अनुसार, प्रत्येक घंटे में 1400 भक्तों को मंदिर में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। मंदिर के कपाट खुलने के समय से ही, संगम पर टोकन वितरण के लिए दस काउंटर स्थापित किए जाएंगे। टोकन लेने के बाद यात्री स्लॉट के अनुसार 15 मिनट पहले लाइन में लगेंगे। इस नई प्रणाली से यात्रियों को लम्बी लाइनों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
केदारनाथ कैसे पहुंचे
हरिद्वार रेलवे स्टेशन चार धाम यात्रा के लिए सबसे नजदीकी स्टेशन है। हरिद्वार सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब है कि आप आसानी से हरिद्वार पहुंच सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार के लिए बसें भी चलती हैं। राज्य परिवहन और निजी बसें इन पवित्र तीर्थ स्थलों के लिए उपलब्ध हैं इसलिए, आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी साधन चुन सकते हैं।