लेटेस्ट न्यूज़
16 Mar 2025, Sun

संसद से खड़गे ने निकाला नया जिन्न! पीएम मोदी और धर्मेंद्र प्रधान हो जाएंगे परेशान, एससी-एसटी-ओबीसी व अल्पसंख्यक छात्रों की…

नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों की छात्रवृत्ति में कटौती करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यों ने हाशिए पर पड़े युवाओं के शैक्षिक अवसरों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में पिछले एक दशक में छात्रवृत्ति लाभार्थियों में कथित गिरावट को उजागर करने के लिए राज्यसभा की प्रतिक्रियाओं और बजट दस्तावेजों से सरकारी आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि इन कार्यक्रमों के लिए आवंटित धन में भी औसतन सालाना 25 प्रतिशत की कटौती की गई है।
खड़गे ने एक्स पर लिखा, “आपकी सरकार ने देश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक युवाओं की छात्रवृत्ति छीन ली है। ये शर्मनाक सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार ने न केवल सभी छात्रवृत्तियों में लाभार्थियों की संख्या में भारी कटौती की है, बल्कि साल दर साल औसतन 25 प्रतिशत कम धनराशि खर्च की है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि अगर वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को उचित समर्थन नहीं दिया जाता तो देश अपने युवाओं के लिए रोजगार सृजन कैसे सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने भाजपा के सबका साथ, सबका विकास नारे की आलोचना करते हुए कहा कि यह महज बयानबाजी है जो “कमजोर वर्गों की आकांक्षाओं का मजाक उड़ाती है।” खड़गे ने लिखा, “जब तक देश के कमजोर वर्गों के छात्रों को अवसर नहीं मिलेंगे और उनके कौशल को प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा, तब तक हम अपने देश के युवाओं के लिए रोजगार कैसे पैदा कर पाएंगे? आपका नारा “सबका साथ, सबका विकास” हर दिन कमजोर वर्गों की आकांक्षाओं का मजाक उड़ाता है।”
इससे पहले, राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना करते हुए दावा किया कि दोनों ही संविधान के खिलाफ हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, कि भारत में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी संविधान में विश्वास करती है और उसके लिए लड़ रही है। दूसरी तरफ आरएसएस और भाजपा जो भारतीय संविधान, बीआर अंबेडकर और महात्मा गांधी के संविधान के खिलाफ हैं, इसे कमजोर करते हैं और इसे खत्म करना चाहते हैं। भारतीय संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है बल्कि भारत की हजारों साल पुरानी सोच है। इस संविधान में भारत के महान व्यक्तियों की आवाज और सोच है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *