ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश में आज (17 नवंबर) इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आरोपों में फैसले का ऐलान करेगा। आज इस बात का फैसला हो जाएगा कि शेख हसीना को क्या सजा-ए-मौत मिलेगी। जहां एक तरफ आज फैसला आएगा इससे पहले शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने चेतावनी दी है कि कोर्ट उन्हें मौत की सजा सुना सकता है, लेकिन उन्होंने कहा कि भारत में उनके निर्वासन के दौरान वो सुरक्षित हैं। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगरग उनकी पार्टी पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया, तो उनके समर्थक अगले साल होने वाले चुनाव को बाधित कर देंगे। सजीब वाजेद ने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में यह बातें सामने रखीं। बांग्लादेश में पिछले साल हुए प्रदर्शन के दौरान हुए घातक दमन के आरोप में हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों पर फैसला आने से एक दिन पहले बेटे ने इंटरव्यू दिया। शेख हसीना पर फैसला आने से पहले देश में कई इलाकों में हिंसक झड़पें, आगजनी, सड़क जाम और धमाकों की घटनाएं हुईं। जिसकी वजह से पूरे देश में असुरक्षा का माहौल बन गया है। वाजेद ने अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में कहा, हमें ठीक-ठीक पता है कि फैसला क्या होने वाला है। वो इसे टीवी पर दिखा रहे हैं। वो उन्हें दोषी ठहराएंगे और शायद मौत की सजा भी देंगे। लेकिन मेरी मां के साथ वो क्या कर सकते हैं? मेरी मां भारत में सुरक्षित हैं। भारत उन्हें पूरी सुरक्षा दे रहा है। 78 साल की शेख हसीना देश में तख्तापलट के बाद से ही अगस्त 2024 से नई दिल्ली में निर्वासन में रह रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस साल हुए प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,400 लोग मारे गए, जिनमें से ज्यादातर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए।
शेख हसीना पर क्या-क्या आरोप?
पूर्व नेता पर बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल में इस घातक दमन के संबंध में मुकदमा चल रहा है। उन पर पहला आरोप हत्या, हत्या का प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्यों से जुड़ा है। दूसरा आरोप हसीना पर प्रदर्शनकारियों को खत्म करने का आदेश देने का है। आरोप छात्रों पर घातक हथियारों का इस्तेमाल करने का निर्देश देने और भड़काऊ भाषण देने का है। बाकी आरोपों में 6 निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या और गोलीबारी का जिक्र है। हालांकि, शेख हसीना इन सभी आरोपों से इनकार करती हैं और इन कार्यवाहियों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताती हैं।
चुनाव को लेकर दी चेतावनी
वाजेद ने रॉयटर्स को बताया कि अगर अवामी लीग जो नाममात्र रूप से केंद्र-वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और स्वतंत्रता के बाद से बांग्लादेश की राजनीति में प्रमुख रही है पर प्रतिबंध बरकरार रहता है, तो उसके समर्थक चुनाव होने नहीं देंगे। वो बोले, इन चुनावों से पहले बांग्लादेश में हिंसा होने वाली है।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने मई में अवामी लीग पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया था और उसके राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, यह कहते हुए कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ युद्ध अपराधों की जांच चल रही है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने वाजेद की चेतावनी को खारिज कर दिया। रॉयटर्स के अनुसार प्रवक्ता ने कहा, अंतरिम सरकार किसी भी तरह की हिंसा भड़काने को खासकर निर्वासित राजनीतिक हस्तियों की ओर से अत्यंत गैरजिम्मेदाराना और निंदनीय मानती है। एसोसिएटेड प्रेस को दिए गए एक पहले साक्षात्कार में वाजेद ने कहा था, प्रतिबंध हटना चाहिए, चुनाव समावेशी, स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए। जो अभी हो रहा है, वो असल में मेरी मां और हमारे राजनीतिक नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश है।

