बीजिंग। चीन की राजधानी बीजिंग बुधवार को इतिहास और ताकत दोनों का गवाह बनी। यहां दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 साल पूरे होने पर भव्य विक्ट्री डे परेड आयोजित हुई। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने थियानमेन चौक पर परेड की सलामी ली और कहा कि चीन किसी धमकी से नहीं डरता, हमेशा आगे बढ़ता है और अपने सैनिकों का सम्मान करना जानता है।
इस मौके पर चीन ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। खास बात यह रही कि मंच पर शी जिनपिंग के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन भी मौजूद थे। यह पहला मौका था जब तीनों नेता एक साथ सार्वजनिक मंच पर नजर आए। इस दौरे से पुतिन का हौसला बुलंद हुआ है क्योंकि चीन ने साफ कह दिया है कि वो रूस को हथियारों की सप्लाई जारी रखेगा।
पुतिन और किम की हुई मुलाकात
विक्ट्री परेड के बाद पुतिन और किम जोंग-उन के बीच मुलाकात हुई। किम ने कहा कि अगर किसी भी तरह हम रूस की मदद और समर्थन कर सकते हैं, तो हम हमेशा करेंगे। यह हमारा भाईचारे का फर्ज है। पुतिन ने भी दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए कहा कि अब रूस और उत्तर कोरिया के रिश्ते एक सच्चे गठबंधन में बदल चुके हैं। उन्होंने याद दिलाया कि द्वितीय विश्व युद्ध में रूस के कुर्स्क क्षेत्र की आजादी में उत्तर कोरिया की स्पेशल यूनिट्स ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी और रूस इस बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
रूस को सप्लाई जारी रखेगा चीन
परेड और बैठकों से साफ संदेश निकला कि रूस को चीन का समर्थन और मजबूत मिलेगा। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से रूस को हथियारों और जरूरी सामान की सप्लाई में दिक्कतें हो रही थीं। लेकिन चीन ने साफ कर दिया है कि वह इन दबावों की परवाह नहीं करता। बीजिंग रूस को डबल-यूज हथियारों यानी ऐसे हथियार जिनका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य दोनों कामों में हो सकता है, उसकी सप्लाई जारी रखेगा।
यूक्रेन पर बढ़ सकते हैं हमले
अमेरिका और पक्षिमी देशों की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए चीन का ये कदम पुतिन के लिए बड़ी राहत है। विशेषज्ञ मानते हैं कि पुतिन की यह चीन यात्रा उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाएगी। रूस अब अमेरिका के दबाव में आने वाला नहीं है। माना जा रहा है कि बीजिंग से लौटने के बाद पुतिन और ज्यादा आक्रामक रुख अपनाएंगे और यूक्रेन पर हमले तेज हो सकते हैं।
बीजिंग दौरे से पुतिन का बढ़ा हौसला, जिनपिंग जारी रखेंगे हथियारों की सप्लाई, तेज होंगे यूक्रेन पर हमले
