नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम रहा। यहां 66 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई थी। इस महाकुंभ के मेले को लेकर सरकार और प्रशासन की व्यवस्थाओं के प्रशंसा और आलोचना दोनों ही की गई, लेकिन इस आयोजन में भारतीय रेलवे की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ।
महांकुभ में रिकॉर्ड संख्या में भारत के अलग-अलग जगहों से रेलवे की सुविधा से यात्रियों ने सफर किया। ऐसे में भारतीय रेलवे को 23 घटनाओं की वजह से ट्रेन और उससे जुड़ी संपत्ति को काफी नुकासान हुआ।
कुंभ के दौरान रेलवे संपत्ति को हुए नुकसान के बारे में पूछने पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान कई रेलवे स्टेशनों पर कोचों में दरवाजे और खिड़कियों के शीशे टूटने की 23 घटनाएं सामने आईं।
इन घटनाओं में रेलवे को लगभग 3.13 लाख रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि सभी घटनाओं में रेलवे सुरक्षा बलों की ओर से कानूनी कार्रवाई की गई। इसमें 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
33 पीड़ित परिवार के लोगों को दिए 2.01 करोड़ रुपये
रेल मंत्री ने 15 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ पर भी बात की। उन्होंने बताया कि इस घटना में18 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 33 पीड़ितों या उनके परिवार के सदस्यों को 2।01 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। ट्रेनों के सुचारू संचालन और यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए अयोध्या, दीन दयाल उपाध्याय और पटना जैसे अन्य प्रमुख स्टेशनों पर और दूसरे कर्मचारियों की तैनाती की गई।
1200 कैमरे लगाए गए
भारतीय रेलवे ने महाकुंभ में आने वाली भीड़ की निगरानी करने और संभावित उपद्रवियों पर नज़र रखने के लिए 116 फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) कैमरों की सुविधा की। साथ ही इसके साथ-साथ 1,200 CCTV कैमरे लगाए। स्टेशनों के नज़दीकी रास्तों पर पटरियों की निगरानी और भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया। प्रयागराज में रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुल 15,000 रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के जवानों को तैनात किया गया।