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22 May 2025, Thu

सड़कों पर सन्नाटा, खाली पड़े हैं घर…ढाका छोड़कर क्यों जा रहे लाखों बांग्लादेशी?

ढाका। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद जहां मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार देश को स्थिर करने में जुटी है। देश की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीफ एडवाइजर यूनुस लगातार एक्टिव हैं। यूनुस चीन समेत दुनिया के कई देशों से व्यवस्था ठीक करने के लिए मदद मांग रहे हैं।
इधर, शुक्रवार को राजधानी ढाका से अचानक लाखों लोग अपने गांवों की तरफ निकलने लगे। बड़े तादाद में लोगों के इस पलायन से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार सकते में आ गई। पलायन को देखते हुए आनन-फानन में बड़े अधिकारी एक्टिव हो गए हैं।
बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार के मुताबिक यूनुस सरकार ने ईद पर 9 दिन की छुट्टी देने की घोषणा कर दी है, जिसके कारण लोग अपने-अपने गांव की तरफ निकल गए हैं। लोग घर जाने के लिए ट्रेन के छत पर बैठ रहे हैं। ढाका में लोगों की भारी भीड़ ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को फेल कर दिया है।
सड़कों पर सन्नाटा, रेल-सड़क मार्ग ठप्प
बांग्लादेश में ईद को लेकर 6 अप्रैल तक की छुट्टी है। पहली बार बांग्लादेश में ईद के मौके पर इतने दिनों की छुट्टी कर्मचारियों को दी गई है। छुट्टी की वजह से लोग ढाका छोड़कर अपने घर की तरफ निकल गए हैं। कहा जा रहा है कि प्रशासन को ढाका छोड़कर लोगों के घर जाने की उम्मीद तो थी, लेकिन एक साथ इतने लोग निकल जाएंगे, यह सरकार के आला अधिकारियों ने सोचा नहीं था।
बांग्लादेश सरकार के मुताबिक ढाका में करीब 4 करोड़ लोग रहते हैं। इनमें रोहिंग्या शरणार्थियों का आंकड़ा भी शामिल हैं। बांग्लादेश में करीब 10 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं।
लोगों के पलायन से डेंगू का खतरा बढ़ा
डेली स्टार के मुताबिक ढाका से लाखों लोगों के पलायन ने बांग्लादेश की राजधानी पर डेंगू का संकट बढ़ा दिया है। लोगों के घर चले जाने से पानी जमा होगा और गंदगी की वजह से यहां डेंगू के मच्छर फैल सकते हैं। रिपोर्ट में जानकारों के हवाले से कहा गया है कि अगर सरकार तुरंत सतर्कता नहीं बरतती है तो आने वाले दिन ढाका के लिए आसान नहीं रहने वाला है। 2024 में ढाका में 575 लोगों की मौत डेंगू की वजह से हो गई थी।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

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