नई दिल्ली, एजेंसी। रतन टाटा के निधन को ज्यादा समय नहीं हुआ है, और टाटा ग्रुप की ओर से बड़ा ऐलान कर दिया गया है। टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन। चंद्रशेखरन ने मंगलवार को कहा कि उनका ग्रुप अगले पांच साल में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पांच लाख नौकरियों को जेनरेट करेगा। रतन टाटा का निधन कुछ दिन पहले ही हुआ है। उसके बाद नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का प्रमुख बना दिया गया। नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। उनकी मां का नाम सिमोन टाटा है। जो कि ट्रेंट लिमिटेड की चेयरमैन हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने अपने ऐलान में और क्या बातें कही हैं।
5 लाख नौकरी पैदा करेगा टाटा ग्रुप
भारतीय गुणवत्ता प्रबंधन फाउंडेशन (आईएफक्यूएम) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में टाटा संस के चेयरमैन ने कहा कि भारत विकास की नीति के बिना विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर में हमारे (टाटा समूह के) निवेश, प्रीसीजन मैन्यूफैक्चरिंग, असेंबली, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों में हमारे निवेश के बीच मुझे लगता है कि हम अगले पांच वर्षों में पांच लाख मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों का सृजन करेंगे। असम में ग्रुप के आगामी सेमीकंडक्टर प्लांट तथा इलेक्ट्रिक वाहनों व बैटरी के लिए अन्य नई विनिर्माण इकाइयों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हम कई प्लांट स्थापित कर रहे हैं।
विकसित भारत के लिए मैन्युफैक्चरिंग जरूरी
उन्होंने इन इनिशिएटिव्स में सरकार के सपोर्ट की सराहना की और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सृजन की आवश्यकता पर बल दिया। चंद्रशेखरन ने कहा कि यदि हम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सृजन नहीं कर सकते तो हम विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकते, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि हर महीने 10 लाख लोग वर्कफोर्स में आ रहे हैं। चंद्रशेखरन ने कहा कि हमें 10 लाख नौकरियां सृजित करने की जरूरत है। उन्होंने सेमीकंडक्टर जैसे नए युग के मैन्युफैक्चरिंग के महत्व पर जोर दिया जो हर एक रोजगार के लिए आठ से दस इनडायरेक्ट नौकरियों उत्पन्न करता है।