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15 Jul 2025, Tue

आरजी कर केस दुर्लभ मामला नहीं, कोर्ट ने संजय रॉय को सुनाई उम्र कैद की सजा

नई दिल्ली, एजेंसी। बीते साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में रेप के बाद महिला डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी। देश को दहला देने वाली इस वारदात के करीब 162 दिन बाद कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया। सोमवार को सियालदह कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वो मृतका के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा दे। कोर्ट ने फैसला सुनाते समय कहा कि ये कोई मामूली अपराध नहीं है लेकिन कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर नहीं माना है। आइए जानते हैं कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए क्या-क्या कहा।
सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने कहा, यह अपराध रेयरेस्ट ऑफ द रेयर श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मौत की सजा दी जा सके। जज ने दोषी करार देने के अंतिम फैसले और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलों के साथ-साथ पीड़िता के परिवार और सीबीआई की अंतिम जिरह सुनने के बाद सजा का ऐलान किया।
सजा सुनाए जाने से पहले दोषी संजय रॉय ने कोर्ट से कहा, मुझे फंसाया जा रहा है। मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैंने कुछ भी नहीं किया है। फिर भी मुझे दोषी ठहराया गया है। मुझे जेल में पीटा गया। कागजात पर मुझसे जबरन साइन करवाए गए।
जब संजय रॉय को कोर्ट में पेश किया गया तो जज ने उससे कहा, तुम दोषी हो। सजा पर तुम्हें कुछ कहना है? इस पर उसने कहा, मैं दोषी नहीं हूं। मुझे फंसाया गया है। बहुत कुछ बर्बाद हो गया है। दोष स्वीकार करने का मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है। मैंने रुद्राक्ष की माला पहनी हुई थी। अगर मैं ऐसा करता तो मेरी रुद्राक्ष की माला टूट जाती।
कोर्ट में सीबीआई ने कहा, संजय का अपराध रेयरेस्ट ऑफ द रेयर है। अगर इसे कड़ी सजा नहीं मिलती है तो समाज भरोसा खो देगा। ये कोई मामूली अपराध नहीं है। महिला डॉक्टर की निर्ममता से हत्या की
गई है।
सजा सुनाने से पहले सियालदह कोर्ट के जज ने अपने फैसले में कहा था, केस के आरोपी संजय को दोषी करारा दिया जाता है। कोर्ट ने फॉरेंसिक रिपोर्ट पर भरोसा किया। इसके तहत उसको दोषी पाया।
कब क्या हुआ?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की रात को रेप के बाद ट्रेनी डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी। पीड़िता के शरीर पर चोट के कई निशान मिले थे। पेल्विक और कॉलर बोन समेत शरीर की कई हड्डियां टूटी मिली थीं। वारदात के बाद कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को अरेस्ट किया था। इस वारदात ने पश्चिम बंगाल ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
13 अगस्त को सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। जांच एजेंसी ने 120 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए।वारदात के करीब 162 दिन बाद कोर्ट ने शनिवार को संजय रॉय को दोषी करार दिया था। मामले में करीब 57 दिन सुनवाई हुई।

By Aryavartkranti Bureau

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