नई दिल्ली, एजेंसी। आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक बयान में कहा है कि देश की सुरक्षा सिर्फ सैनिकों का काम नहीं है बल्कि ये हर नागरिक की जिम्मेदारी है। आर्मी चीफ ने कहा ‘नागरिक ही सैनिकों को सबसे पहले सूचना देते हैं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 72,000 से ज्यादा एनसीसी जवान थे, जिन्होंने ऑपरेशन के दौरान सभी जरूरी सहायता प्रणालियों का नेतृत्व किया और नागरिक की सुरक्षा के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया। यूक्रेन ने दुनिया को दिखाया है कि जब आम नागरिक अपने देश की रक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं तो क्या होता है। उनकी भूमिका खुफिया जानकारी जुटाने, रसद और प्रतिरोध में साबित हुई है। इससे पता चलता है कि देश की सुरक्षा सिर्फ सैनिकों का काम नहीं है, बल्कि ये सभी की जिम्मेदारी है।’
सीडीएस ने बताया बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत ने क्या सबक सीखा
शुक्रवार को गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान ने अलग-अलग सबक सीखे। भारत ने जहां लंबी दूरी तक सटीकता से मार करने वाले हथियार और हमले के बाद नुकसान का आकलन करने की क्षमता पर ध्यान दिया, वहीं पाकिस्तान ने संभवतः अपनी एयर डिफेंस प्रणाली को मजबूत करने पर फोकस किया।
राजनीतिक नेतृत्व ने ऑपरेशन सिंदूर में दी थी पूरी आजादी
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सीडीएस ने कहा कि जब राजनीतिक नेतृत्व से चर्चा हुई तो यह साफ हो गया कि सिर्फ ड्रोन और लोटरिंग म्यूनिशन (घूमते हुए लक्ष्य तलाशने वाले हथियार) से लक्ष्य हासिल नहीं होगा। बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी ठिकाने तबाह करने के लिए एयर पावर का इस्तेमाल जरूरी था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार ने सेना को साफ निर्देश दिए थे कि आतंकी ठिकाने नष्ट करने हैं और तभी जवाबी कार्रवाई करनी है जब पाकिस्तान हमला करे।
इस ऑपरेशन में सेना को पूरी आजादी मिली थी, चाहे वो योजना बनाना हो या लक्ष्य चुनना।