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22 Dec 2024, Sun

…ताकि मां की लाश से बदबू न आए, जलाता था अगरबत्ती, साइंटिस्ट का बेटा कैसे बन गया कातिल?

गोरखपुर। प्रदेश के गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के सुशांत सिटी में एक बेटे ने मां की हत्या कर दी। आरोपी बेटा 12वीं का छात्र है। बुरी संगत के चलते वह नशेड़ी हो गया था। पैसों के लिए अक्सर मां से तकरार करता था। मां ने जब स्कूल जाने के लिए दबाव बनाया तो उसने बीते 3 दिसंबर को दीवार से उनका सिर लड़ाकर हत्या कर दी थी और करीब 6 दिन तक मां के शव के साथ ही रह रहा था।
पिता की शिकायत पर पुलिस ने मां के कातिल नाबालिग आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया है। पिपरई थाना क्षेत्र के सुशांत सिटी में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र चेन्नई के साइंटिस्ट राममिलन ने करीब 4 साल पहले मकान बनवाया था। अभी उनकी तैनाती चेन्नई में ही है, लेकिन 2 साल पहले उन्होंने पत्नी और अपने बेटे को गोरखपुर शिफ्ट कर दिया। उन्होंने बेटे का उस क्षेत्र की सबसे अच्छे पीएन नेशनल पब्लिक स्कूल में एडमिशन करवाया था।
गलत संगत के चलते आदतें खराब हो गईं- बोले पिता
पिता राममिलन ने बताया कि दसवीं तक मेरे बेटे की पढ़ाई चेन्नई में ही हुई थी। गोरखपुर मकान बन गया, इस नाते मैंने सोचा की बेटा और पत्नी यही रहे, क्योंकि रिटायर होने के बाद मुझे भी यही गोरखपुर में आकर रहना है, लेकिन यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। बेटा पढ़ाई में होशियार था, लेकिन गलत संगत के चलते उसकी आदतें खराब हो गई थी। स्कूल के शिक्षक शिवम सिंह ने बताया कि शुरू में वह अच्छा स्टूडेंट था। 11वीं तक की पढ़ाई उसकी सही चली, लेकिन इसी बीच उसकी संगत गलत लोगों से हो गई। ऐसे में स्कूल आना कम कर दिया। फीस भी जमा नहीं करता था।
स्कूल के शिक्षक शिवम सिंह के मुताबिक, हाफ इयरली एग्जाम में केवल दो पेपर ही दिया था। अक्सर गार्जियन को बुलाने पर वह अपने दोस्तों को बड़ा भाई बनाकर लता था। यही नहीं, उसने स्कूल में मां-बाप की बजाय अपना मोबाइल नंबर दे रखा था, ताकि स्कूल से उसकी कोई शिकायत होती तो सबसे पहले उसको ही जानकारी हो जाती थी और वह उसकी काट अपने दोस्तों का सहारा लेकर कर लेता था। उसकी मां एक दिसंबर को स्कूल आई थी तो उनको पता चला कि उनका बेटा बीते चार माह से स्कूल नहीं आ रहा है तो उन्होंने वहीं से उसको फोन करके बुलाया और सबके सामने डांटा भी और वादा किया कि अब उनका बेटा प्रतिदिन स्कूल आएगा, लेकिन वह 3 दिसंबर को वह फिर नहीं आया।
8 दिसंबर को पता चला उसकी मां की हत्या हो गई है। अब पता चल रहा है कि हत्यारा भी वही है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि उसके पिता उसकी पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित रहते थे वह फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ लेकर इंटर की पढ़ाई कर रहा था। विषयों पर उसकी कमजोरी को देखते हुए पिता ने उसका एडमिशन एक अच्छे निजी कोचिंग सेंटर में करवा दिया था, लेकिन वह वहां भी नहीं जाता था। फीस के पैसों से वह दोस्तों के साथ अपनी नशे की आदत को पूरा करता था।
मां की हत्या के बाद मोहल्ले के जिस शिव मंदिर पर वह दिन में समय बीतता था। उसी परिसर में अक्सर वह अपने नशेड़ी दोस्तों के साथ बैठा रहता था। घर से स्कूल और कोचिंग जाने की बात कह कर वहीं पर शराब पीता था। मोहल्लेवासियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हम लोग भी उसकी मां से कभी-कभी शिकायत करते थे, लेकिन मां अपने बेटे को बहुत प्यार करती थी। वह कहती थी मैं उसे समझा दूंगी, लेकिन उसके पापा को कभी मत बताइएगा।
एक बार उसके पिताजी उसके स्कूल गए तो पता चला कि वह अक्सर स्कूल नहीं आता है, तो वहां पर उन्होंने बेटे को बुलाकर पिटाई भी की, जिससे चलते वह पिता से अंदर ही अंदर नफरत करता था।
पुलिस की पूछताछ में नाबालिग बेटे ने स्वीकार किया था कि मैं 3 दिसंबर को स्कूल नहीं जाना चाहता था, लेकिन मां ने टिफिन के लिए पराठा और सब्जी बनाकर रख दिया था और जबरदस्ती मुझे लेकर स्कूल जाना चाह रही थी। इसी दौरान मैंने उनको धक्का दे दिया, जिससे उनके सिर से खून बहने लगा। इसके बाद मोहल्ले के शिव मंदिर पर जाकर बैठ गया। शाम को आया तो उनकी सांसें बंद हो चुकी थी। ऐसे में मैंने उनके शव को खींचकर स्टोर के पास ले जाकर रख दिया और जब उससे से बदबू आने लगी तो मैं अगरबत्ती जलाने लगा। उसके बाद 8 दिसंबर को जब पापा आ गए तो सारी बात सामने आ गई।
साइंटिस्ट राम मिलन का रो-रो कर बुरा हाल
शुरू में पिता राममिलन ने बेटे पर पुलिस द्वारा हत्या की आशंका जताए जाने पर एक सिरे से नकार दिया था। सीसीटीवी फुटेज में जब कोई बाहर का आदमी नहीं दिखा, तब पुलिस ने शख्ती से पूछा तो उसने अपना जुर्म कबूल किया। घटना की सच्चाई जानने के बाद साइंटिस्ट राम मिलन का रो-रो कर बुरा हाल है। जहां पत्नी की मौत हो गई है, वहीं अब नाबालिग आरोपी बेटे को उन्होंने पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने उसे बाल सुधार गृह भेज दिया। रोते हुए उनका कहना था कि चेन्नई से भी अपने लोगों का फोन आ रहा है। उनको मैं क्या जवाब दूं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

सुशांत सिटी वाले मकान पर ताला बंद कर अब किसी रिश्तेदार के घर जाकर रहूंगा। क्योंकि यहां लोग संवेदना जताने आ रहे हैं, लेकिन मेरा दर्द ताजा हो जा रहा है। मेरा संसार ही उजड़ गया। इस दौरान एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली बेटी उनको बार-बार कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना देती दिखी। इस संबंध में एसपी नार्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने घटना की सभी कड़ियों को जोड़ते हुए नाबालिक हत्यारे पुत्र तक पहुंची थी। उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई सक्ष्यों व तथ्यों के आधार पर की जाएगी।

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