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2 May 2025, Fri

खुद को ईडी का सीनियर अफसर बताकर बिल्डरों से वसूली करने वाला ‘ठग’ धरा गया, जाल में फंसाने का था ये तरीका

नई दिल्ली। खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का सीनियर अधिकारी बताकर दिल्ली एनसीआर में ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाला आरोपी धरा गया है। ईडी के गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी रविराज कुमार ने कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। वह बिल्डरों को फोन पर खुद को ईडी का वरिष्ठ अधिकारी बताता था। उनसे वसूली करता था। अगर कोई पैसे देने से मना करता तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे देता। अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के लिए आरोपी ने कई सिम कार्ड खरीद रखे थे। जब भी किसी को निशाना बनाना होता, वह नए नंबर से कॉल करता था। वह लंबे से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था।
ईडी के मुताबिक, धोखाधड़ी, जालसाजी और खुद को जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में प्रस्तुत कर ठगी करने के आरोप में रविराज कुमार को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), गुरुग्राम के समक्ष पेश किया गया, जहां उसे पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत रविराज कुमार और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सेक्टर-10, पुलिस स्टेशन, गुरुग्राम द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी की जांच में पता चला है कि रविराज कुमार ने खुद को ईडी का वरिष्ठ अधिकारी बताकर गुरुग्राम स्थित एक बिल्डर को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर पैसे वसूले हैं।
जांच के दौरान, ईडी ने विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं। यह पता चला है कि आरोपी ने कई दूसरे लोगों को भी ठगने की कोशिश की थी। वह बिल्डरों और दूसरे कारोबारियों के सामने खुद को ईडी का सीनियर अधिकारी बताता था। इसके लिए वह अपने पास कई सिम कार्ड रखता था। जब वह किसी एक व्यक्ति को शिकार बनाता तो उसके लिए कई फोन नंबरों से कॉल करता था। सामने वाले व्यक्ति को यह भरोसा दिलाने की कोशिश करता था कि वह असली ईडी अधिकारी है। कई बार आवाज बदलकर भी बात की जाती थी।
ईडी ने इस मामले में विभिन्न डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य जैसे बैंक स्टेटमेंट, व्हाट्सएप चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग आदि भी एकत्र की हैं। जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपी रविराज ने अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के लिए कई सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। इसी आधार पर उसने कई लोगों को धोखा दिया। आरोपी ने इसी तरह से धन एकत्रित करना शुरु कर दिया। उसके एक बैंक खाते से 80 लाख रुपये मिले हैं। इसके अलावा, जांच के दौरान यह भी पता चला है कि आरोपी रविराज आदतन अपराधी है। वह कई वर्षों से पैसे की उगाही में शामिल रहा है। इस मामले में एलईए पहले भी रविराज को गिरफ्तार कर चुकी है।

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