वॉशिंगटन, एजेंसी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने दावा किया है अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि से वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर होगी। इसके अलावा इस वर्ष मुद्रास्फीति बढ़ेगी। हालांकि, आयात शुल्कों में वृद्धि वैश्विक मंदी का कारण नहीं बनेगी। आईएमएफ का ये अनुमान अगले सप्ताह यानी मंगलवार को जारी किया जाएगा।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्कों से वैश्विक अनिश्चितता में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आयात कर वैश्विक विकास को धीमा कर देंगे, लेकिन दुनिया भर में मंदी का कारण नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था की ताकत की परीक्षा हो रही है, क्योंकि वैश्विक व्यापार प्रणाली में बड़े बदलाव हो रहे हैं, और ये बदलाव वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह अशांति पिछले कुछ हफ्तों से वित्तीय बाजारों में चल रही है। खासकर वॉल स्ट्रीट पर, जिसने दिन-प्रतिदिन और अक्सर घंटे-दर-घंटे उतार-चढ़ाव का अनुभव किया है।
देशों से टैरिफ कम करने की अपील
आईएमएफ प्रमुख जॉर्जीवा ने ट्रंप प्रशासन की कुछ चिंताओं को भी दोहराया। उन्होंने देशों से अपने टैरिफ और व्यापार में अन्य बाधाओं को कम करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘व्यापार विकृतियों- टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं ने बहुपक्षीय प्रणाली की नकारात्मक धारणाओं को बढ़ावा दिया है, जो सभी को बराबरी का मौका देने में नाकाम रही है। कुछ जगहों पर लगता है कि उनके साथ गलत हो रहा है। उनका मानना है कि वे नियमों का पालन करते हैं, जबकि अन्य नियम तोड़ते हैं और फायदा उठाते हैं।’
जनवरी में जारी अनुमान में मुद्रास्फीति में कमी का था अनुमान
जनवरी में जारी अपने सबसे हालिया अनुमानों में, आईएमएफ ने विश्व अर्थव्यवस्था के नाममात्र तेजी से बढ़ने और मुद्रास्फीति में कमी आने का अनुमान लगाया था। हालांकि, आईएमएफ ने चेतावनी भी दी थी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों, जिनमें कर कटौती और विदेशी आयातों पर शुल्क में वृद्धि शामिल है, के कारण संभावनाएं कम हो गई हैं। हालांकि, जनवरी के पूर्वानुमानों में बदलाव होने की संभावना है। इसके अलावा, वाशिंगटन स्थित ऋण एजेंसी ने उस समय कहा था कि उसे उम्मीद है कि इस साल और अगले साल विश्व अर्थव्यवस्था 3.3 फीसदी बढ़ेगी, जो 2024 में 3.2 फीसदी होगी।
US टैरिफ से कमजोर होगी वैश्विक अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति बढ़ेगी; मंदी का कारण नहीं बनेंगे शुल्क
