नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत जो बयान दिया है उससे साफ है कि भारत अपनी प्राथमिकताओं को साफ करके चल रहा है। पूरी स्पष्टता के साथ भारत एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत आसियान के 10 सदस्य देशों की तरफ देख रहा है और कह रहा है कि हम आपके साथ खड़े हैं। भले ही वो छोटे से छोटा देश हो और भले ही उसकी अर्थव्यवस्था कैसी हो। भारत को उससे फायदा मिले या न मिले। लेकिन भारत एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत अपने तमाम मित्र देशों के साथ अपने तमाम पड़ोसी देशों के साथ मजबूती से खड़ा रहना चाहता है। यही वजह है कि भारत उन देशों की सुरक्षा करने को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता जताता है और उन देशों को मदद भी दे रहा है जिनको किसी तरह का खतरा है।
आसियान देशों को कभी भी हथियार देने से भारत पीछे नहीं हटता है। आसियान के दस देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, थाइलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यामांर और कंबोडिया शामिल है। यही वजह है कि इनमें कई आयिसान देशों को लगातार चीन उनके क्षेत्र में घेरने की कोशिश कर रहा है तो भारत उन्हें हथियार देकर मजबूत कर रहा है। पीएम मोदी ने साफ कहा कि हम एक दूसरे के पड़ोसी हैं। ग्लोबल साउथ के साथी सदस्य हैं और विश्व में तेज गति से ग्रो करने वाला क्षेत्र हैं। हम शांति प्रिय देश हैं। एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं। अपने युवाओं के उज्जवल भविष्य के प्रति हम कमिटेड हैं। मेरा मानना है कि 21वीं सदी एशियन सेंचुरी भारत और आसियान देशों की सेंचुरी है।
भारत-आसियान मैत्री, समन्वय वार्ता और सहयोग ऐसे समय में बहुत महत्वपूर्ण है जब विश्व के कई हिस्से संघर्ष और तनाव का सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान देश पड़ोसी हैं और वैश्विक दक्षिण में साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि हम शांतिप्रेमी देश हैं और एक दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं तथा क्षेत्र के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने कहा कि आसियान की केंद्रीयता को ध्यान में रखते हुए भारत ने 2019 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल शुरू की थी। उन्होंने कहा कि पिछले साल, क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए समुद्री अभ्यास शुरू किए गए उन्होंने कहा कि पिछले दशक में आसियान देशों के साथ भारत का व्यापार दोगुना होकर अब 130 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।