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4 Oct 2025, Sat

मिडिल ईस्ट में फिलिस्तीन अलग देश बनेगा या नहीं? UN में तय करेंगे ये 15 देश

फिलिस्तीन, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में फिलिस्तीन को नए देश के रूप मे मान्यता देने का मुद्दा गर्म है। फ्रांस ने यूएन में मान्यता देने की घोषणा की है। ब्रिटेन, कनाडा और पुर्तगाल भी अलग मुल्क के रूप में फिलिस्तीन को मान्यता देने की बात कही है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि फिलिस्तीन अलग मुल्क बनेगा कैसे? क्योंकि मान्यता तो उसे 130 से ज्यादा देशों ने लंबे वक्त से दे रखा है। फिर भी फिलिस्तीन अलग देश नहीं बन पा रहा है।
कोई भी शांति प्रिय देश, जो यूएन चार्टर को मानता हो, वो अलग देश का दावा कर सकता है। बशर्ते उसके पास अपने लोग हों और अपनी भौगोलिक सीमा, लेकिन किसी देश के होने का दावा करने में और यूएन की सदस्यता लेने में फर्क है। यूएन की सदस्यता मिलने का अर्थ होता है अंतरराष्ट्रीय वैधता मिलना।
यूएन में जो देश रजिस्टर्ड हैं, वो सभी उस नए देश को अलग मुल्क मानने लगता है। इससे नए देश को अपने कूटनीतिक संबंध विकसित करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। यूएन की सदस्यता मिलते ही संबंधित देश को यूएन चार्टर के मुताबिक सुरक्षा मिलती है, जो किसी देश के लिए काफी अहम है।
फिलिस्तीन को UN की सदस्यता कैसे मिलेगी?
फिलिस्तीन के पास फिलहाल पूर्ण देश के रूप में यूएन की सदस्यता नहीं है। इसे लेने के लिए उसे एक यूएन चार्टर के अनुच्छेद-4 का पालन करना होगा। इसके मुताबिक सबसे पहले एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रखा जाएगा। UNSC में 5 स्थाई और 10 अस्थाई देश है। स्थाई देश में ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और अमेरिका का नाम शामिल है।
अस्थाई देशों की लिस्ट में पनामा, गुएना, अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, पाकिस्तान, कोरिया गणराज्य, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया का नाम शामिल हैं। अब यहां से प्रस्ताव पास कराने के 2 नियम हैं-
1- 9 देशों का कम से कम समर्थन प्राप्त हो।
2- कोई भी स्थाई सदस्य देश वीटो न करे।
फिलिस्तीन यहीं पर मात खा सकता है। अमेरिका स्थाई सदस्य देश है, जो फिलिस्तीन के मान्यता का विरोध करता है। यहां पर पिछली बार उसने वीटो कर दिया था, जिसके कारण फिलिस्तीन का मामला लटक गया था।
क्या फिलिस्तीन मुल्क नहीं बन पाएगा?
जिस तरीके से यूरोप और मध्य पूर्व के अधिकांश देशों ने फिलिस्तीन के लिए पैरवी कर रहा है, उससे अब उसके अलग मुल्क बनने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है। फ्रांस और बेल्जियम जैसे देशों ने जल्द ही फिलिस्तीन में दूतावास खोलने की बात कही है। कहा जा रहा है कि कोसोवो की तरह फिलिस्तीन एक देश बन सकता है।
कोसोवो को 100 से ज्यादा देशों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन चीन और रूस की वजह से उसे अलग देश के रूप में यूएन से मान्यता नहीं मिल पाया है।

By Aryavartkranti Bureau

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