इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान ने रविवार देर रात अफगानिस्तान के 4 प्रांतों पर एक साथ एयर स्ट्राइक कर दिया। यह स्ट्राइक आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के ठिकानों पर किया गया। तहरीक-ए-तालिबान लंबे वक्त से पाकिस्तान के लिए मुसीबत पैदा कर रहा है। तहरीक-ए-तालिबान की वजह से पाकिस्तान के हजारों आम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
2007 में गठित तहरीक-ए-तालिबान उर्फ टीटीपी का मकसद पाकिस्तान की सरकार को उखाड़ फेंकना है।
क्या है तहरीक-ए-तालिबान?
2007 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा पर बैतूल्ला महसूद ने एक संगठन की स्थापना की थी, जिसका नाम तहरीक-ए-तालिबान रखा गया। वर्तमान में नूर वली महमूद इसके नेता हैं। तहरीक-ए-तालिबान को आतंक का पर्याय माना जाता है। तहरीक-ए-तालिबान का मकसद पाकिस्तान की सैन्य और लोकतांत्रिक सत्ता को उखाड़ फेंकना है।
अगस्त 2008 में इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान ने बैन कर दिया था। हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्तान अभी तक इस संगठन को खत्म नहीं कर पाया है। टीटीपी की वजह से उसके रिश्ते अफगानिस्तान से भी खराब हो गए हैं।
इस संगठन के पास सैन्य स्ट्रक्चर भी है और यह तालिबान की तरह ही काम करता है। पाकिस्तान सरकार के मुताबिक तहरीक-ए-तालिबान के पास करीब 10 हजार प्रशिक्षित लड़ाके हैं, जो जिहाद के लिए प्रतिबद्ध है।
600 आतंकी हमलों को अंजाम
पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान अब तक करीब 600 हमलों को अंजाम दे चुका है। लाहौर चर्च बम विस्फोट, 2008 बार्सिलोना आतंकी साजिश , 2010 में सिखों का सिर कलम करना, मलाला यूसुफजई पर हमला आदि शामिल है। तहरीक-ए-तालिबान के निशाने पर पाकिस्तान आर्मी भी रहा है।
तहरीक-ए-तालिबान के लड़ाके आईईडी ब्लास्ट के जरिए जहां सेना से लड़ते हैं, वहीं सीधे हमले कर लोगों के मन में भी खौफ पैदा करते हैं। साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक पाकिस्तान में आतंकी हमले की वजह से साल 2024 में 600 आम नागरिकों की मौत हुई है।
अफगानिस्तान से फंडिंग
पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने 2 दिन पहले तहरीक-ए-तालिबान को लेकर रिपोर्ट की थी। इसके मुताबिक अफगानिस्तान से तहरीक-ए-तालिबान को आतंकी हमला करने के लिए फंड मिल रहा है। अखबार के मुताबिक टीटीपी नेता मसूद के परिवार को 37 करोड़ रुपए प्रतिमाह अफगानिस्तान से मिल रहा है। इन पैसों का उपयोग पाकिस्तान में आतंकी हमला करने में किया जा रहा है।
डॉन के मुताबिक अफगानिस्तान कुनार, नंगरहार, खोस्त और पक्तिका (बरमल) प्रांतों में नए तहरीक-ए-तालिबान का नया प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किए है। अफगान के लड़ाकों को इसमें भर्ती किया जा रहा है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ मुखर रूप से एक्टिव माजिद ब्रिगेड, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान के साथ मिलकर भी पाकिस्तान को पस्त करने की रणनीति पर काम करता है।
600 हमले, 10 हजार हमलावर…अफगान जाकर पाकिस्तान ने जिस संगठन पर की एयर स्ट्राइक वो कितना घातक?
